अखिलेश मंत्रिमंडल विस्तार से भ्रष्टाचार संरक्षण को मजबूतीः विपक्ष

अखिलेश यादव का मंत्रिमंडल विस्तार विपक्ष की नजर में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला है। बसपा और रालोद ने ने अखिलेश को कमजोर और लाचार, कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार को मजबूती देने वाला बताया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 07:31 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 08:18 PM (IST)
अखिलेश मंत्रिमंडल विस्तार से भ्रष्टाचार संरक्षण को मजबूतीः विपक्ष

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मंत्रिमंडल विस्तार विपक्ष की नजर में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला है। बसपा और रालोद ने ने अखिलेश को कमजोर और लाचार, कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार को मजबूती देने वाला बताया है।

यूटर्न लेने वाला लाचार मुख्यमंत्री : मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से साबित हो गया कि मुख्यमंत्री यूटर्न लेने वाला अत्यंत कमजोर व लाचार व्यक्ति है। इस सरकार के रहते खराब कानून व्यवस्था के साथ भ्रष्टाचार भी बेलगाम जारी रहेगा। प्रेस विज्ञप्ति में मायावती ने कहा कि कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त गायत्री प्रसाद प्रजापति को फिर से मंत्री बनाने को जनता नहीं समझ नहीं पा रही है कि किस मजबूरी में दोबारा मंत्री बनाया गया। क्या विभाग बदलने से उस मंत्री का चाल, चरित्र व स्वभाव बदल जाएगा?

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भ्रष्टाचार को स्वीकृति दी गयी : मौर्य

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिमंडल में फिर लेने को भ्रष्टाचार को स्वीकृति दे देना बताया। कहा कि भाजपा बहुत पहले से आरोप लगाती रही है कि सपा सरकार भ्रष्टाचार व अपराध को संरक्षण प्रदान कर रही है। साढ़े चार वर्ष में सरकार में कई शक्ति केंद्रों होने का आरोप भी सिद्ध हो गया है। मुख्यमंत्री द्वारा अनेक बार दी नसीहत मानने को अधिकारी तैयार नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से जातीय व एक वर्ग विशेष को खुश करने के प्रयास किए गए उससे सपा की कथनी -करनी में अंतर भी दिखा है। जातिवादी राजनीति कर रहें सपा, बसपा और कांग्रेस जैसे दलों को जनता पिछले लोकसभा चुनाव में सबक सिखा चुकी है।

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सपा की भ्रष्टाचार संरक्षण वाली छवि मजबूत : राजबब्बर

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि भ्रष्टाचार व विभिन्न आरोपों में हटाए गए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में फिर शामिल करने से मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार सरंक्षण दाता वाली छवि मजबूत हुई। 27 वर्ष से उप्र को बेहाल बनाने के लिए जिम्मेदार सपा, बसपा व भाजपा जैसे दलों से प्रदेश की जनता छुटकारा पाना चाहती है। वोटों की जोड़तोड़ की खातिर नैतिकता व मूल्यों को ताक पर रखने वाली पार्टियों की विदाई सुनिश्चित है। कांग्रेस में जनता को उम्मीद नजर आ रही है, ऐसे में सत्ता को कब्जाए रखने के समाजवादी टोटके कारगर नहीं हो पाएंगे।अखिलेश मंत्रिमंडल विस्तार से भ्रष्टाचार संरक्षण को मजबूतीः विपक्ष

अखिलेश कमजोर मुख्यमंत्री सिद्ध हुए : मसूद

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट मंत्रियों को फिर से शपथ दिलाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने खुद को कमजोर मुख्यमंत्री सिद्ध किया। दो राय नहीं है कि वास्तविक मुख्यमंत्री कोई और है, जिसके इशारे पर ही अहम फैसले होते हैं। गायत्री प्रसाद प्रजापति व मनोज पांडेय को पुन: शपथ ग्रहण करना, इसका ज्वलंत व ताजा उदाहरण है। मुख्यमंत्री स्वयं को एक लर्निंग मुख्यमंत्री ही बनाए रखना चाहते है। सरकरी विज्ञापनों में प्रदेश को उम्मीदों का प्रदेश लिखा जा रहा है परंतु मुख्यमंत्री के फैसलों से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। प्रदेश का किसान, गरीब, नौजवान व अल्पसंख्यक अब बदलाव का मन बना चुका है।

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