हत्यारोपित बेटे को आजीवन कारावास, पिता फरार

अपर जिला जज कक्ष संख्या-7 की नीरज कुमार उपाध्याय की अदालत ने हत्यारोपित बेटे को आजीवन कारावास व साढ़े 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि आरोपित फरार होने के कारण अदालत ने उसकी फाइल को सुरक्षित कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:53 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 09:53 PM (IST)
हत्यारोपित बेटे को आजीवन कारावास, पिता फरार
हत्यारोपित बेटे को आजीवन कारावास, पिता फरार

जासं, कौशांबी : अपर जिला जज कक्ष संख्या-7 की नीरज कुमार उपाध्याय की अदालत ने हत्यारोपित बेटे को आजीवन कारावास व साढ़े 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि आरोपित फरार होने के कारण अदालत ने उसकी फाइल को सुरक्षित कर दिया है।

विशेष लोक अभियोजक शशांक खरे के अनुसार सरायअकिल थाना क्षेत्र के स्थानीय कस्बा स्थित बुद्धपुरी मोहल्ला निवासी सचिन जायसवाल ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि 23 मई 2014 की सुबह सफाई कर्मी उसके दरवाजे पर नाली की सफाई कर रहा था। इस बीच मोहल्ले के ही उमाशंकर पांडेय ने कर्मी से अपने घर के समीप सफाई करने के लिए कहा। इसी बात को लेकर उमाशंकर का सचिन के ताऊ अमीर चंद्र जायसवाल से झगड़ा हो गया। सचिन का आरोप है कि उमाशंकर व उसके बेटे संदीप ने चाकुओं से वार कर अमीरचंद्र को लहूलुहान कर दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। सचिन की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित पिता व पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया। घटना के बाद दोनों आरोपित फरार हो गए। पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जबकि उमाशंकर अभी भी फरार चल रहा है। बहरहाल विवेचना के बाद विवेचक ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया। मामला एडीजे कक्ष-7 की अदालत में चला। विशेष लोक अभियोजक ने कुल नौ गवाहों को पेश किया। गवाहों के बयान सुनने और पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने आरोपितों को दोषी पाया। संदीप को अदालत ने आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न कर पाने की स्थिति में छह माह का अतिरिक्त कारावास झेलना पड़ेगा।

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