सामंजस्य का अभाव, कठिन हुई सौभाग्य की डगर
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : हर घर बिजली पहुंचाने की प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना पर कार्यद
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : हर घर बिजली पहुंचाने की प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना पर कार्यदायी संस्था और विभागीय अफसरों की लापरवाही भारी पड़ रही है। दोनों के बीच सामंजस्य न होने से अब तक आठ माह में महज 27561 कनेक्शन ही हो सके हैं। ऐसे में अगले तीन माह में 98271 कनेक्शन देने पर संदेह हो गया है।
चालू वर्ष में दिसंबर तक कुल 125832 बगैर बिजली वाले घरों में कनेक्शन दिए जाने थे। शुरुआत में गांव-गांव शिविर लगवाकर प्रमाणपत्र तो बांट दिए गए लेकिन लेकिन एजेंसी ने निश्शुल्क बीपीएल किट मुहैया नहीं कराई। कमजोर व्यवस्था का असर यह हुआ कि आठ माह बीतने के बाद संस्था 31 अगस्त तक केवल 27561 घरों तक सौभाग्य की रोशनी पहुंचा सकी। अब केवल तीन माह ही बचे हैं जिसमें 98271 कनेक्शन की दरकार है। ऐसे में रोजाना एक हजार से अधिक कनेक्शन करने होंगे। सौभाग्य की मुश्किल डगर पर लक्ष्य हासिल करने की माथा पच्ची अधिकारी कर रहे हैं।
यह है सौभाग्य योजना
सौभाग्य योजना में बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) के परिवारों को निश्शुल्क बिजली कनेक्शन का प्रावधान है। कनेक्शन के साथ ही विभाग वन प्वाइंट वाय¨रग (एकल ¨बदु तार) के लिए मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट स्विच, सर्विस केबिल व एक एलईडी बल्ब मुफ्त देता है। एपीएल (गरीबी रेखा के ऊपर) परिवारों को 50 रुपए मासिक की छह किस्त में सौभाग्य कनेशन देने का नियम है।
आड़े आ रहा जेई आंदोलन
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संघ वेतन विसंगति व अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहा है। ऐसे में अवर अभियंताओं की कनेक्शन के प्रति रुचि न लेने का असर योजना की गति पर पड़ रहा है।
गांवों में शिविर लगाकर सौभाग्य कनेक्शन का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यदायी संस्था को तेजी से कनेक्शन करने को कहा गया है। समस्या का समाधान कर लक्ष्य कनेक्शन करने की पूरी कोशिश होगी।
- श्रीश कुमार श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता