Mahoba Case : आरोपित एसपी की जमानत याचिका हुई खारिज, कुर्की नोटिस जारी

8 सितंबर को गोली लगने से घायल इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक दिन पूर्व सात सितंबर को तत्कालीन एसपी पाटीदार से अपनी जान का खतरा बताया था। मौत होने की स्थिति में मणिलाल तथा उनके सहयोगियों को दोषी माने जाने संबंधी वीडियो भी वायरल किया था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 07:27 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 07:27 PM (IST)
Mahoba Case : आरोपित एसपी की जमानत याचिका हुई खारिज, कुर्की नोटिस जारी
क्रशर व्यापारी इंद्रकांत मौत मामले में फरार चल रहे आरोपित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार

कानपुर,जेएनएन। कानपुर के परिक्षेत्र में आने वाले महोबा में क्रशर व्यापारी इंद्रकांत मौत मामले में फरार चल रहे आरोपित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद शुक्रवार को कुर्की के आदेश 82 के तहत भी नोटिस आदेश जारी कर मामले के विवेचक आशुतोष मिश्र को रिसीव कराया गया।  
आरोपित मणिलाल पाटीदार के वकीलों ने इंद्रकांत मौत मामले व ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय द्वारा महोबा कोतवाली में 10 सितंबर लिखाए गए भ्रष्टाचार मामले में लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में अंग्रिम जमानत के लिए याचिका डाली गई थी। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दोनों ही याचिकाएं खारिज कर दीं। मामले के वादी ने फोन से इसकी जानकारी दी। कोर्ट के इस फैसले से स्वजन खुश हैं। 
 
8 सितंबर को गोली लगने से घायल इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक दिन पूर्व सात सितंबर को तत्कालीन एसपी पाटीदार से अपनी जान का खतरा बताया था। मौत होने की स्थिति में मणिलाल तथा उनके सहयोगियों को दोषी माने जाने संबंधी वीडियो भी वायरल किया था। इसी के आधार पर इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर मणिलाल सहित चार लोगों पर 11 सितंबर को कबरई थाने में मुकदमा लिखा गया था। 13 सितंबर को इंद्रकांत की मृत्यु के बाद आरोपितों  के खिलाफ मुकदमा हत्या की धारा 302 में परिवर्तित हो गया था। बाद में शासन ने जांच उच्चस्तरीय एसआइटी को सौंपी थी। 9 दिनों की जांच के बाद सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा आत्महत्या के प्रयास व भ्रष्टाचार की धाराओं में तब्दील हो गया था। इसी दौरान मुकदमें में पांचवें आरोपित सिपाही अरुण यादव का भी नाम शामिल हो गया। आरोपियों में शामिल दो आरोपित सुरेश सोनी व ब्रम्हदत्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अन्य आरोपित अभी भी पकड़ से दूर हैं। वहीं पूर्व एसपी द्वारा अरेस्ट स्टे याचिका प्रयागराज उच्चन्यायालय में डाली गई थी जो तीन नवंबर को कोर्ट ने खारिज कर दी थी। 
 
छह नवंबर को फिर लखनऊ की भ्रष्टाचार निरोधक कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसमें 10 नवंबर व 13 नवंबर को बहस के उपरांत अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई। साथ ही आरोपित मणिलाल के खिलाफ कुर्की के तहत 82 की भी कार्रवाई का आदेश दिया गया। वर्तमान में इस मामले की जांच व फरार आरोपितों मणिलाल पाटीदार, देवेंद्र शुक्ला व अरुण यादव की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी प्रयागराज अपराध शाखा के एस पी आशुतोष मिश्र को सौपी गई है।

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