टूटा शिव धनुष, प्रभु राम की हुईं सिया

प्रभु के धनुष तोड़ते ही सिया ने उनके गले में वरमाला डाल दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 08:41 AM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 08:41 AM (IST)
टूटा शिव धनुष, प्रभु राम की हुईं सिया
टूटा शिव धनुष, प्रभु राम की हुईं सिया

जागरण संवाददाता, कानपुर : श्रीरामलीला सोसाइटी भवन मेस्टन रोड में आयोजित रामलीला में धनुष यज्ञ का आयोजन किया गया। प्रभु के धनुष तोड़ते ही सिया ने उनके गले में वरमाला डाल दिया। देवताओं ने पुष्प वर्षा की। महíष विश्वामित्र के कहने पर प्रभु श्रीराम ने शिव धनुष को उठा लिया। जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की धनुष टूट गया। महíष परशुराम ने वहा पहुंचकर शिव धनुष तोड़ने वाले को अपना शत्रु बताया। परशुराम के क्रोध को श्रीराम ने शात कराया। भवन में आयोजित रामलीला को परेड रामलीला ग्राउंड में एलईडी स्क्रीन पर दिखाया गया।

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प्रभु श्रीराम ने किया ताड़का का वध

कानपुर: शास्त्री नगर के छोटा सेंट्रल पार्क शास्त्री नगर में लीला का शुभारंभ महíष विश्वामित्र के आश्रम से हुई। लक्ष्मण जी ने पुष्प वाटिका में भ्रमण करने की इच्छा जाहिर की। प्रभु श्रीराम ने गुरु से आज्ञा ली और उन्हें पुष्प वाटिका ले गए। जनकपुरी जब प्रभु पहुंचे तो जनकपुरवासी प्रभु के दर्शन कर धन्य हो गए। प्रभु पुष्प वाटिका पहुंचे तो वहा गौरी पूजन के लिए आईं जानकी जी का सामना प्रभु श्रीराम से हो गया। प्रभु राम और सिया एक दूसरे को अपलक निहारते रहे। प्रभु महíष विश्वामित्र की आज्ञा से शिला को चरण से छूकर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार किया।

जन्में श्रीराम, झूमे श्रद्धालु

बड़ा सेंट्रल पार्क में आयोजित रामलीला में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के जन्म की लीला का मंचन किया गया। प्रभु का जन्म हुआ तो अयोध्यावासी खुशियों से जूझ उठे। प्रभु श्रीराम के जन्म पर महाराज दशरथ ने प्रभु में हीरा और जवाहरात का वितरण किया। उधर अयोध्या पहुंचे गुरु विश्वामित्र ने यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को महाराज दशरथ से माग लिया। महाराज ने पहले तो मना किया पर बाद में उन्हें सौंप दिया। जब महíष दोनों भाइयों को लेकर चले तो रास्ते में ताड़का ने उनका रास्ता रोक लिया। प्रभु ने ताड़का का वध कर दिया। यज्ञ भंग करने आए सुबाहु को भी प्रभु ने मार दिया।

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