जरूरत पड़ी तो बैंकों की अधिकारी यूनियनों से अलग होंगे

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री ने भरी हुंकार, विवादों के चलते टाल नहीं सकते वार्ता, अपनी शर्तो पर होगा सेटलमेंट

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Feb 2019 01:52 AM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 01:52 AM (IST)
जरूरत पड़ी तो बैंकों की अधिकारी यूनियनों से अलग होंगे
जरूरत पड़ी तो बैंकों की अधिकारी यूनियनों से अलग होंगे

जागरण संवाददाता, कानपुर : यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की कर्मचारी यूनियनें जरूरत पड़ी तो अधिकारी यूनियनों से अलग होंगी। यह हुंकार रविवार को ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीईए) के राष्ट्रीय महामंत्री सीएच वेंकटचलम ने भरी। उन्होंने कहा कि आपसी विवादों के चलते द्विपक्षीय वार्ता और नहीं टाल सकते। एआइबीईए अपनी शर्तो पर वेतन का सेटलमेंट कराएगा।

सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप सभागार में यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यूएफबीयू में अधिकारी संगठनों ने नई समस्या खड़ी कर दी है। वे दो फरवरी की वार्ता में शामिल नहीं हुए। अधिकारी कह रहे हैं कि कर्मचारियों का वेतन उनसे ज्यादा है। राष्ट्रीय महामंत्री के मुताबिक अगर ऐसा है भी तो गलती किसकी है। वह तो चाहते हैं कि सभी का वेतन और बढ़े। आज जो लिपिक हैं, वे ही आगे अधिकारी बनेंगे। अगर विवाद रहा तो फोरम में एकता कैसे होगी। उन्होंने साफ किया कि अगर वे साथ नहीं देंगे तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। अब इसे और नहीं टाला जा सकता क्योंकि चुनाव आने वाले हैं। हम जल्दी से जल्दी अपनी शर्तो पर सेटलमेंट चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम भी वेतन आयोग चाहते हैं ताकि मैनेजमेंट नहीं सरकार हमारा वेतन तय करे। द्विपक्षीय वार्ता में चर्चा दो से दस फीसद आ गई है। इसका मतलब 5,250 करोड़ अतिरिक्त है, जबकि पिछले समझौते में यह 47 सौ करोड़ के करीब था। हम पांच दिन का सप्ताह भी चाहते हैं। आज बैंक कर्मियों को प्रबंधन नुकसान नहीं पहुंचा सकता तो उसके पीछे एआइबीईए की मजबूती है।

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19 बैंकों का घाटा गंभीर बात

उन्होंने कहा कि आज 19 बैंक घाटे में हैं। यह गंभीर बात है। जो ऋण वापस नहीं हो रहे, उसमें कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है।

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चंदा कोचर का पद्म भूषण वापस हो

राष्ट्रीय महामंत्री के मुताबिक आइसीआइसीआइ बैंक की चंदा कोचर का पद्म भूषण वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने धोखाधड़ी और चोरी की।

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बड़े उद्यमी खरीद लेंगे बैंक

सीएच वेंकटचलम के मुताबिक सरकार और धन चाहती है। इसके लिए वह बैंकों के शेयर बेचना चाहती है। ऐसा हुआ तो चुनिंदा उद्यमी शेयर खरीद लेंगे और बैंक निजी हाथों में चले जाएंगे।

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मर्जर हुआ तो भी छंटनी न होगी

उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा, देना व विजया बैंक के विलय के विरोध में हड़ताल का यह लाभ हुआ कि विधि मंत्री ने कहा कि मर्जर हुआ तो छंटनी नहीं होगी।

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ये रहे मौजूद

केनरा बैंक इंप्लाइज यूनियन के राष्ट्रीय मंत्री सुधीर सोनकर की सेवानिवृत्ति पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता बैंक ऑफ बड़ौदा स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश गुप्ता ने की। कार्यक्रम में विधायक अमिताभ बाजपेई, पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, केनरा बैंक इंप्लाइज यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएस वेणुगोपाल, महामंत्री अजय मांजरेकर, यूपीबीईयू के महामंत्री एमएम राय, सिंडीकेट बैंक इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री एसके संगतानी, एआइटीयूसी के प्रदेश अध्यक्ष वीके सिंह, संयोजक अरविंद राज स्वरूप, आयकर राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद त्रिवेदी थे।

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