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44 गवाह, 16 सबूत और 66 दस्तावेज… गुनहगार को सजा दिलाने के लिए CBI ने 13 साल तक की मेहनत, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

फैशन डिजाइनर आदेश बाजपेयी की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के दोषी उसके दोस्त आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राहुल वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। आदेश मुंबई में फैशन डिजाइनर थे। समलैंगिक डेटिंग ऐप के जरिए उसकी जान पहचान राहुल वर्मा से हुई थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Thu, 23 May 2024 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 12:19 AM (IST)
गुनहगार को सजा दिलाने के लिए CBI ने 13 साल तक की मेहनत, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला।

विधि संवाददाता, लखनऊ। फैशन डिजाइनर आदेश बाजपेयी की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के दोषी उसके दोस्त आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राहुल वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

यह है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, आदेश मुंबई में फैशन डिजाइनर थे। समलैंगिक डेटिंग ऐप के जरिए उसकी जान पहचान राहुल वर्मा से हुई थी। राहुल आईआईटी कानपुर में पढ़ाई करता था। 

चार अगस्त, 2008 को आदेश राहुल से मिलने लखनऊ आए थे। इसके बाद 10 अगस्त को कानपुर में मामा के घर चले गए। वहां ममेरे भाई विवेक त्रिवेदी ने आदेश को मूलगंज चौराहे पर छोड़ा था। इसके बाद आदेश गायब हो गए थे। 

काफी तलाश के बाद भी उनका कुछ पता नहीं चला था। 13 अगस्त को विवेक ने फोन कर आदेश के गुमशुदा होने की सूचना दी थी। इसके पांच दिन बाद आदेश के पिता सूर्य कुमार कानपुर पहुंचे। उन्होंने तत्कालीन एसएसपी से मुलाकात की। 

जांच को पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाला

एसएसपी के आदेश पर मूलगंज थाने में आदेश के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। सूर्य कुमार ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस घटना की तफ्तीश कर रही थी। इस बीच आईआईटी परिसर में 23 अगस्त को एक मानव कंकाल मिला। कंकाल की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। 

आईआईटी के सुरक्षा अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई थी। पोस्टमार्टम के लिए कंकाल भेजा गया। मामले की जांच पुलिस ने फिर ठंडे बस्ते में डाल दी। 

हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी जांच

पीड़ित सूर्य कुमार ने उच्च न्यायालय में गुहार की। न्यायालय के आदेश के बाद आठ अक्टूबर, 2010 को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश पारित हुए। इसके बाद सीबीआई ने तफ्तीश शुरू की और परत दर परत उखाड़ दी। 

साक्ष्यों और गवाहों का संकलन कर कोर्ट में पेश किया। अभियोजन के अनुसार सीबीआई ने कातिल को सजा दिलाने के लिए 44 गवाह, 66 दस्तावेज, 16 साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए।

आदेश के शव पर केमिकल डालकर जलाया था

सीबीआई ने डीएनए टेस्ट कराया, जिससे पता चला कि आईआईटी में मिला कंकाल आदेश का ही था। मोबाइल फोन की डिटेल और ऐप की हिस्ट्री से साक्ष्य संकलन किए। इसके बाद राहुल वर्मा को जनवरी 2012 में गिरफ्तार कर लिया। 

पूछताछ में पता चला कि राहुल से मिलने के लिए आदेश मुंबई से लखनऊ आया था और यहां से कानपुर पहुंचा था। मूलगंज में यहां उसकी मुलाकात आदेश से हुई। राहुल, आदेश को आईआईटी कानपुर ले गया था और वहां उसकी हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए केमिकल डालकर उसका शव जला दिया था।

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