कानपुर में रूठी गंगा, अब छोड़ती जा रहीं घाट

कई घाटों से तो 50 से 100 मीटर के बाद ही गंगाजल मिल पा रहा है, घाटों पर महज नालों का पानी ही बचा है।

By amal chowdhuryEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2017 08:32 AM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2017 08:35 AM (IST)
कानपुर में रूठी गंगा, अब छोड़ती जा रहीं घाट
कानपुर में रूठी गंगा, अब छोड़ती जा रहीं घाट

कानपुर (जागरण संवाददाता)। गंगा को निर्मल-अविरल करने में अब तक अरबों रुपये पानी में बह चुके हैं। बावजूद इसके गंगा अपने घाटों से ही दूर होती जा रही हैं। कई घाटों से तो 50 से 100 मीटर के बाद ही गंगाजल मिल पा रहा है। घाटों पर महज नालों का पानी ही बचा है। नरौरा बैराज से पर्याप्त पानी न छोड़ा जाना भी घाटों से गंगा के दूर होने की एक वजह है। गंगा बैराज पर 112.90 मीटर का जल स्तर दुरुस्त रखना होता है।

इस मजबूरी के चलते जरूरत के मुताबिक पानी गंगा को नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन, गंगा घाटों से दूर होती जा रही हैं। अकेले कानपुर शहर में गंगा की सफाई में अब तक नौ अरब रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन गंगा साफ होने की जगह पहले से अधिक दूषित हो गई हैं। गंगा बैराज से दो किलोमीटर दूर मैगजीन घाट का हाल यह है कि घाट से लगभग 50 मीटर दूर चलने के बाद ही गंगाजल मिल पाता है। क्षेत्र के राम सरन, सोनू, गंगादीन ने बताया कि स्नान करने के लिए दो फीट गहरी गंगा को पार कर दूसरी तरफ डुबकी लगाने जाना पड़ता है।

पूजा भी नहीं कर सकते: बैराज के बाद सिद्धनाथ घाट तक कई घाटों के पास नाले व बस्ती का गंदा पानी गिरता है। गंगा दूर होने के कारण गंदा पानी घाट के आसपास भर रहा है। घाटों पर स्नान करना तो दूर पूजा करने लायक पानी नहीं है। सरसैया घाट, परमट घाट, बंगाली घाट, गोला घाट व बुढ़ियाघाट में भी कमोबेश ऐसी ही हालत हैं। डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं को काफी दूर तक पैदल ही जाना पड़ रहा है।

इस बार पहले ही गिरने लगा जलस्तर: इस बार गर्मी से पहले ही गंगा का जलस्तर 356 से 357 फीट आ जाने से समस्या बढ़ गई है। गंगा में पानी कम होने के साथ कालापन भी बढ़ गया है। इसके चलते जलकल अफसरों को जलापूर्ति के लिए पानी को साफ करने में पहले से दोगुना खर्च करना पड़ रहा है।

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बैराज से रोज छोड़ा जा रहा 2200 क्यूसेक पानी: अलीगढ़ के नरौरा बैराज से गंगा में 10 क्यूसेक पानी रोज छोड़ा जा रहा है, यह स्थिति पिछले एक पखवारे से लगातार बनी हुई है। कानपुर बैराज को चूंकि 112.90 मीटर का जल स्तर दुरुस्त रखना है, इसलिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की ओर से हर रोज करीब 2200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी छोड़े जाने का आंकड़ा पिछले एक पखवारे में 2000 से 2200 क्यूसेक के आसपास है। सहायक अभियंता कमर अहमद ने बताया कि इस समय आठ गेट खोले गए हैं। सभी को औसतन आठ से 10 सेंटीमीटर उठाया गया है, मानक को दुरुस्त रखने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है।

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