खामोश हुई 'यायावर' की कलम, नहीं रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक पं.शिवपूजन

उन्नाव के शुक्लागंज ऋषिनगर में रहने वाले विख्यात कवि एवं रचनाकार पंडित शिवपूजन 14 जनवरी को इकलौते पुत्र के निधन के बाद से अवसाद में थे और बीमार रहने लगे थे और रविवार शाम अंतिम सांस ली ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 08:58 AM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 08:58 AM (IST)
खामोश हुई 'यायावर' की कलम, नहीं रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक पं.शिवपूजन
उन्नाव में रहने वाले विख्यात कवि एवं रचनाकार पं. शिवपूजन। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। शहर से सटे शुक्लागंज उन्नाव में रहने वाले विख्यात कवि एवं रचनाकार पं.शिवपूजन के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। इकलौते बेटे की मौत के बाद से अवसाद में चल रहे पंडित जी ने रविवार शाम अंतिम सांस ली। उनके निधन पर सांसद साक्षी महाराज, कवियों, बुद्धिजीवियों ने शोक जताया हे।

ऋषिनगर निवासी पं. शिवपूजन बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। आरएसएस के कार्यक्रमों में उनकी देशप्रेम रचना भारत माता हमको आज पुकारती, आओ हम सब चलें उतारें आरती...गाई जाती है। वह सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यक्ष भी रहे। प्रभा के डाकिए पुस्तक के रचनाकार पं.शिवपूजन तिवारी यायावर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास उन्नाव-हरदोई के विभाग संघचालक की जिम्मेदारी थी। उनके मंदाकिनी खंडकाव्य का विमोचन बीमारी के चलते नहीं हो सका।

स्वजन ने बताया कि बीती 14 जनवरी को उनके इकलौते बेटे सुधाकर तिवारी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी, तबसे वह अवसाद में थे। सांसद साक्षी महाराज, कवियों, बुद्धिजीवियों व पत्रकारों ने उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मिश्रा कालोनी के श्मशान घाट पर सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार हुआ।

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