Coronavirus Kanpur News: अव्यवस्था, लापरवाही से खराब हो रहे कोरोना के सैंपल, सही रिपोर्ट को लेकर बना संशय

कानपुर में कोरोना की जांच करने वाले कुछ केंद्रों पर अनदेखी का आलम बना हुआ है। यहां बिना आइस पैड के सैंपल को धूप में छोड़ दिया जा रहा है जिससे अत्याधिक तापमान से आरटीपीसीआर के सैंपल में आरएनए की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:57 AM (IST)
Coronavirus Kanpur News: अव्यवस्था, लापरवाही से खराब हो रहे कोरोना के सैंपल, सही रिपोर्ट को लेकर बना संशय
कानपुर में कोरोना जांच में लापरवाही का आलम।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से जंग में अनदेखी, लापरवाही और अव्यवस्था पूरे अभियान पर भारी साबित हो सकती है। कुछ जांच केंद्रों पर सैंपल को सही तरीके से आइस पैड में रखने की बजाय उसे खुली धूप में छोड़ दिया जा रहा है। अत्याधिक तापमान सैंपल के राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) की गुणवत्ता प्रभावित कर सकता है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रोजाना ऐसे कई सैंपल आ रहे हैं। वहां से केंद्रों को दोबारा सैंपलिंग के लिए निर्देशित किया जा रहा है। केंद्रों से बीटीएम (सैंपल रखने वाला जार) को आइस बॉक्स में रखकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजा जाता है।

कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट होता है। एंटीजन को सर्दी, बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण मिलने पर किया जाता है जबकि आरटीपीसीआर का टेस्ट रोगी में किसी भी तरह के लक्षण नजर न आने पर होता है। एंटीजन की रिपोर्ट तुरंत आती है जबकि आरटीपीसीआर के लिए सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज भेजे जाते हैं।

कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग के लिए निर्देशित किया जा रहा है। इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी सैंपल को सही तरीके से रखने में लापरवाही दिखा रहे हैं। आइस पैड तक नहीं उपयोग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पास कुछ सैंपल ऐसे आ रहे हैं, जिनमें आरएनए की मात्रा कम रहती है। पूर्व में कुछ केंद्रों से निर्धारित बीटीएम की संख्या भी कम मिली है।

आइस पैड का संकट

गली, मोहल्लों, अपार्टमेंट का सर्वे और वहां की सैंपलिंग करनी वाली टीमों के पास आइस पैड का संकट हो गया है। एक लैब तकनीशियन का कहना है कि उन्होंने उर्सला स्थित मिनी स्टोर से आइस पैड मांगा, लेकिन मिल नहीं सका। अब अन्य जगहों से लेकर काम चला रहे हैं।

क्षमता से अधिक सैंपलिंग

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के डॉक्टर क्षमता से अधिक सैंपलों की जांच कर रहे हैं। कई डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ रिजल्ट के लिए दिन और रात एक किए हुए हैं। यहां की अधिकतम सैंपङ्क्षलग की क्षमता 3150 है जबकि पांच अप्रैल को 3355, छह अप्रैल को 3312 और सात अप्रैल को 3488 सैंपल की जांच हुई। सभी सीएचसी और अर्बन पीएचसी के पास आइस पैड उपलब्ध है। सैंपल को लेने के बाद तुरंत आइस पैड में रखना आवश्यक है। अगर यह नहीं हो रहा है तो बिल्कुल गलत है। इसको दिखवाया जाएगा। अत्याधिक तापमान की वजह से सैंपल प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि अब तक ऐसी समस्या नहीं मिली है। -डॉ. सुबोध प्रकाश, जिला सर्विलांस प्रभारी, कोविड

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