वेद मंत्रों से गूंजेगा सई नदी तट, तैयारियां तेज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: रामदयालगंज के समीप उंचनी में मरी माई मंदिर परिसर के पास श्री वि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Dec 2017 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 16 Dec 2017 10:00 PM (IST)
वेद मंत्रों से गूंजेगा सई नदी तट, तैयारियां तेज
वेद मंत्रों से गूंजेगा सई नदी तट, तैयारियां तेज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: रामदयालगंज के समीप उंचनी में मरी माई मंदिर परिसर के पास श्री विष्णु-लक्ष्मी महायज्ञ की तैयारियां तेज हो गई हैं। बसंत पंचमी के एक दिन पहले जलकलश यात्रा के साथ इस 108 कुंडीय महायज्ञ का शुभारंभ हो जाएगा।

देवरिया कुटी नियार आश्रम वाराणसी के परम संत श्री त्रिभुवन दास जी महराज के सानिध्य में जनकल्याण के निमित्त जनसहयोग से आयोजित इस महायज्ञ के निमित्त विजय दशमी से ही तैयारियां शुरू हो गई है। इस समय विशाल व सुसज्जित यज्ञ मंडप को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

काशी के विद्वान यज्ञाचार्य शंकर शास्त्री द्वारा पूजन-हवन का कार्य संपन्न कराया जाएगा। कलश यात्रा के दूसरे दिन से प्रतिदिन मानस कोविद डा.मदन मोहन मिश्र, पं.अमरनाथ त्रिपाठी, रश्मि शास्त्री द्वारा रामकथा का प्रवचन होगा। यज्ञ स्थल पर तैयारियों को मूर्त रूप देने में सहयोग देने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच शुक्रवार को सत्संग के दौरान श्री त्रिभुवन दास महराज ने कहा कि प्रभु के भजन को जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। गृहस्थ जीवन में रहते हुए अपने पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों का निर्वहन सेवा भाव से करके हम सहज भक्ति की साधना कर सकते हैं। किसी भी काम में यदि सेवा का भाव आ जाए तो पुण्य के साथ ही आनंद भी प्रदान करता है। सभी में ईश्वर के स्वरूप को देखते हुए तद्नुसार धर्मानुकूल आचरण ही सहज भक्ति है और इससे ईश्वर की कृपा प्राप्ति संभव है। उन्होंने रामचरित मानस के पंचवटी प्रसंग में प्रभु श्रीराम द्वारा अनुज लक्ष्मण को सहज भक्ति से संबंधित उपदेश को बड़े ही सरल व सहज ढंग से श्रद्धालुओं के बीच रखा।

chat bot
आपका साथी