कुपोषण से कुश्ती में मां का दूध जिताएगा
संवाद सहयोगी, हाथरस : नई पीढ़ी की माताएं अपने नौनिहालों को स्तनपान कराने से गुरेज रखती हैं। यह कि बच
संवाद सहयोगी, हाथरस : नई पीढ़ी की माताएं अपने नौनिहालों को स्तनपान कराने से गुरेज रखती हैं। यह कि बच्चे के लिये खतरनाक है। मां के लिए भी ठीक नहीं है। स्तनपान कराने से बच्चे को जो मजबूती मिलती है, वह निश्चित रूप से उसके विकास में खास भूमिका निभाता है। कुपोषण से लड़ने में मां का दूध ही मददगार बनता है। इसलिये माताओं को प्रारम्भ के छह माह तक बच्चों को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए।
ये बातें स्थानीय सीएचसी परिसर में आयोजित नवजात शिशु देखभाल सप्ताह एवं हेल्दी बेबी शो के दौरान सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आजकल की माताएं तमाम भ्रांतियों के चलते अपने बच्चों को अपना दूध नहीं पिलातीं। उन्हें गाय का अथवा डिब्बों का दूध पिलाना पसन्द करती हैं। जबकि मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार माना गया है।
सपा जिलाध्यक्ष चौ. भाजुद्दीन व जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज ने समस्त एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकिर्त्रयों से बच्चों के सम्बन्ध में चलाई जा रही सरकार की योजनाओं को ठीक से क्रियान्वय की बात कही। इससे पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डा. दानवीर ¨सह ने सपा नेता रामजीलाल सुमन, चौ. भाजुद्दीन का स्वागत किया। फिर हेल्दी बेबी शो में प्रथम माधव, द्वितीय इसिका, तृतीय वानी को पुरस्कृत कराया।
कार्यक्रम में डा. अमित कुमार, डा. अग्रवाल अमित, जयवेन्द्र चौधरी, नीरव शर्मा, मनीष वाष्र्णेय, विष्णु वाष्र्णेय, देवेन्द्र ¨सह, पुनीत वाष्र्णेय, डा. प्रेमपाल शर्मा, जुगेन्द्र ¨सह यादव, नवीन कुमार सहित अनेक स्वास्थ्य कार्यकर्ता व चिकित्सक मौजूद थे।