कच्ची सड़क और पुलिया बच्चों की पढ़ाई में बनी रोड़ा

-गांव की प्रारंभिक शिक्षा तक ही सीमित होकर रह जाते हैं बचे -संडीला जाने के लिए लगाना पड़ता है चक्कर डरते रहते हैं अभिभावक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST)
कच्ची सड़क और पुलिया बच्चों की पढ़ाई में बनी रोड़ा
कच्ची सड़क और पुलिया बच्चों की पढ़ाई में बनी रोड़ा

संडीला (हरदोई): आजादी के बाद हर क्षेत्र में विकास की बातें तो कही जा रही हैं। जनप्रतिनिधि भी ऊंची-ऊंची बातें करते हैं, लेकिन मात्र डेढ़ किलोमीटर सड़क और एक छोटी सी पुलिया बच्चों की पढ़ाई तक में रोड़ा बनी हुई है। संडीला जाने के लिए रास्ता नहीं है और खुटेना समेत आठ गांवों के बच्चों की पढ़ाई प्रारंभिक शिक्षा तक ही समाप्त हो जाती है।

संडीला से खुटेना डेढ़ किलोमीटर मार्ग और बेता नाले पर पुलिया न होना आठ गांवों के लोगों को संडीला जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। गांव के लोग तो किसी तरह 16 किलोमीटर का चक्कर काटकर छह किलोमीटर का रास्ता तय कर लेते हैं, लेकिन बच्चे पढ़ाई के लिए नहीं जा पाते हैं। खुटेना, किनौती, बेहट, राऊखेड़ा में प्राथमिक विद्यालय है और आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को संडीला जाना पड़ता है। जिनके पास संसाधन हैं वह तो चले जाते हैं, बाकी लोग चाह कर भी बच्चों को संडीला नहीं भेज पाते। ग्रामीण बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले विद्यालय जाते समय लल्लु पुत्र परमेश्वर की बेता नाले में डूबकर मौत हो गई थी, जिसके बाद से ग्रामीणों ने बच्चों को संडीला भेजना बंद कर दिया। ग्रामीण राजू पाल बताते हैं कि गांव में देखा जाए तो मात्र 15 फीसद युवक और युवतियां हाई स्कूल होंगे तो इंटर का यह फीसद मात्र 10 ही है। संतू, मकरंद कहते हैं कि दो दर्जन से अधिक लोग स्नातक नहीं होंगे परास्नातक की संख्या तो नाम मात्र है। गांव में सरकारी सेवा में आधा दर्जन वही लोग हैं जिनके परिवार वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव छोड़कर चले गए थे। मात्र डेढ़ किलोमीटर सड़क और एक छोटी सी पुलिया के कारण बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

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