जीवन पर्यंत विषमताओं के विरुद्ध ज्ञान की अलख जगाते रहे कबीर

हरदोई आर्य कन्या महाविद्यालय में हिदी विभाग के तत्वावधान में एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 10:24 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 10:24 PM (IST)
जीवन पर्यंत विषमताओं के विरुद्ध ज्ञान की अलख जगाते रहे कबीर
जीवन पर्यंत विषमताओं के विरुद्ध ज्ञान की अलख जगाते रहे कबीर

हरदोई : आर्य कन्या महाविद्यालय में हिदी विभाग के तत्वावधान में एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कबीर कल, आज और कल विषय पर विचार रखे। वेबीनार में देश विदेश से लगभग 1,765 लोगों ने प्रतिभाग किया।

आर्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर रानी भटनागर ने बताया कि प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी ने कहा कि कबीर को विषमताओं ने गढ़ा था और जीवन पर्यंत वह विषमताओं के विरुद्ध ज्ञान की अलख जगाते रहे। साहित्य व समाज को नया रास्ता दिखाया। अंतर्राष्ट्रीय वक्ता के रूप में नेशनल यूनीवर्सिटी सिगापुर से डॉक्टर संध्या ने कबीर की पाश्चात्य देशों में महत्ता के बारे में बताया। कोलंबो, श्रीलंका की प्रधानाध्यापिका डॉक्टर रसांगी, नाना बक्कार ने करीब की योग साधना, जीवन व माया पर कबीर के विचार पर प्रकाश डाला। मारीशस से विश्व हिदी सचिवालय की दीया लक्ष्मी ने कबीर को समाज सुधारक के साथ भविष्य निर्माता भी बताया। युवा आलोचक विश्व मौलि ने जीवन के विविध पक्षों में कबीर के ज्ञान को आत्मसात करने का आह्वान किया। बनारस हिदू विश्वविद्यालय के हिदी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सदानंद शाही ने कहा कि कबीर का सांई इतना दीजिए जामे कुटंब समाय का उनका विचार उपभोग की संस्कृति का त्याग करना सिखाता है। इससे धरा को संरक्षित किया जा सकता है। लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सभी धर्मों में समन्वय करते हुए कबीर आम आदमी के हित में सदैव खड़े रहने वाले रचनाकार थे। प्राचार्या डॉक्टर रानी भटनागर ने अतिथियों द्वारा व्यक्त विचारों को अत्यंत प्रासंगिक और समीचीन बताया। अंत में संयोजिका डॉक्टर उमारानी श्रीवास्तव ने अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार जताया।

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