UP Election 2022: धौलाना में महिला वोटर तय करेंगी उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य, सभी की नजरें आधी आबादी पर

UP Vidhan Sabha Election 2022 धौलाना में राजनीतिक दलों की नजर महिलाओं के वोट पर है। पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या में मामूली अंतर हैं। पुरुषों की तुलना में महिला मतदाता मात्र तीस हजार 288 कम हैं। धौलाना विधानसभा में कुल मतदाता चार लाख 11 हजार 332 हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 03:08 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 03:11 PM (IST)
UP Election 2022: धौलाना में महिला वोटर तय करेंगी उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य, सभी की नजरें आधी आबादी पर
महिलाएं तय करेंगी धौलाना में किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा

धौलाना (हापुड़) [संजीव वर्मा]। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे धौलाना विधानसभा क्षेत्र का माहौल चुनावी रंग में रंगा है। मतदाताओं के बीच चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बार भी सभी राजनीतिक दलों की नजर महिलाओं के वोट पर है। पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या में मामूली अंतर हैं। पुरुषों की तुलना में महिला मतदाता मात्र तीस हजार 288 कम हैं। धौलाना विधानसभा में कुल मतदाता चार लाख 11 हजार 332 हैं। इनमें दो लाख 20 हजार 797 पुरुष और एक लाख 90 हजार 509 महिला मतदाता हैं। यह विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बहुल है। डेढ़ लाख के आसपास मुस्लिम मतदाता हैं। इसीलिए गठबंधन से सपा प्रत्याशी के रूप में असलम चौधरी, बसपा से बासिद अली और आइएएमआइएम से हाजी आरिफ अली को चुनावी दंगल में उतारा गया है। जबकि भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2012 में सपा के टिकट से चुनाव जीतने वाले पूर्व विधायक धर्मेश तोमर पर दांव लगाया है। धौलाना विधानसभा साठा चौरासी के नाम जानी जाती है।

हापुड़ जनपद के अंतर्गत आने वाली धौलाना विधानसभा संख्या-58 है। वर्ष 2011 में हापुड़ के जनपद बनने के बाद यह विधानसभा अपने अस्तित्व में आई। इससे पहले धौलाना जनपद गाजियाबाद की मोदीनगर विधानसभा का हिस्सा था। विधानसभा चुनाव 2012 में कुल मतदाता संख्या तीन लाख सात हजार 142 थी।

इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख 73 हजार 50 थी, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख 34 हजार 89 थी। इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे खास बात यह है कि यहां हर चुनाव में महिलाएं उत्साह के साथ हिस्सा लेती हैं। महिला मतदाता चौका-चूल्हा छोड़कर पहले अपने मत का प्रयोग करने मतदान केंद्र पर पहुंचती हैं। अतीत में झांकें तो विधानसभा चुनाव 2012 और 2017 में महिलाओं का मतदान लगभग 70 से 80 प्रतिशत रहा है। इसके चलते राजनीतिक दलों ने महिला मतदाताओं का मत पाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

राजनीतिक दल के पदाधिकारी और प्रत्याशी प्रत्येक गांव में मौजिज महिलाओं से संपर्क साध रहे हैं। सुरक्षा और सम्मान का आश्वासन दिया जा रहा हैं। भाजपा, सपा और आप ने महिलाओं की टोली भी तैयार कर ली है जो घर-घर पहुंच रही है।

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