किराये के भवन में नहीं चल सकेंगे स्कूल

किराए किी बि¨ल्डग में स्कूल संचालक करने वाले स्कूल संचालकों पर संकट के बादल छाने वाले है। क्योंकि अब किराए की बि¨ल्डग चलने पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर उनको बंद कराए जाएंगे। खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि बेसिक स्कूल की मान्यता के लिए शासन से मिले आदेश के बाद उच्च उच्च् अधिकारियों ने नए नियम लागू कर दिए हैं। अब किराए के भवन में बेसिक स्कूल चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। मान्यता के लिए बि¨ल्डग स्कूल के नाम होना अब जरूरी हो गया है। ऐसा नहीं होने पर बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल चलाने की अनुमति

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 07:38 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 07:38 PM (IST)
किराये के भवन में नहीं चल सकेंगे स्कूल
किराये के भवन में नहीं चल सकेंगे स्कूल

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:

अब किराये के भवन में स्कूल का संचालन नहीं किया जाएगा। स्कूल संचालन की मान्यता पाने के लिए स्कूल संचालक का अपना भवन होना आवश्यक है। किराये के भवन में चल रहे स्कूलों को चिन्हि्त कर उन्हें बंद कराया जाएगा।

खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि बेसिक स्कूल की मान्यता देने के लिए शासन से मिले आदेश के बाद उच्च अधिकारियों ने नए नियम लागू कर दिए हैं। अब किराये के भवन में बेसिक स्कूल चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। मान्यता के लिए स्कूल के नाम भवन होना अब जरूरी हो गया है। ऐसा नहीं होने पर बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल चलाने की अनुमति नहीं देगा। शासन ने स्कूल शुरू करने से पहले सुरक्षित कोष की राशि भी बढ़ाकर एक से डेढ़ लाख रुपये कर दी है।

- शिक्षा विभाग चाहेगा तभी वापस होगा भवन

खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मान्यता लेने के बाद यदि कोई संचालक स्कूल बंद करना चाहेगा तो वह यह आसानी से नहीं कर पाएगा। यदि शिक्षा विभाग को लगेगा कि स्कूल अच्छा चल रहा है तो उसके संचालन की जिम्मेदारी किसी और को दी जा सकती है। यदि ऐसा नहीं है तो मान्यता समाप्त करने के बाद स्कूल का भवन संचालक को वापस दिया जा सकता है।

-- सुरक्षित कोष की रकम बढ़ी

अभी तक स्कूल शुरू करने से पहले सुरक्षित कोष में 35 हजार रुपये की धनराशि जमा करनी होती थी। अब इस राशि को बढ़ा दिया गया है। अब प्राइमरी स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के लिए सुरक्षित कोष में एक लाख और उच्च प्राथमिक स्कूल की मान्यता के लिए डेढ़ लाख रुपये जमा करना जरूरी है।

- पुराने स्कूलों को दो महीने का समय

जो स्कूल पहले ही मान्यता ले चुके हैं, उन्हें नए नियम लागू करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है, ताकि वह समय से किराये के भवन में चल रहे स्कूल अपना भवन बना सकें।

- इन नियमों का भी करना होगा पालन

- स्कूल किसी व्यक्ति, समूह अथवा एसोसिएशन को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं चलाया जाएगा

- बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित पुस्तकों से ही करानी होगी पढ़ाई

- मान्यता के बाद स्कूल को किसी भी व्यवसाय और आवास के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा

- कोई भी सरकारी अधिकारी या फिर स्थानीय शिक्षा अधिकारी कभी भी स्कूल का निरीक्षण कर सकता है

- स्कूल में ¨हदी अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी

- स्कूल में प्रधानाध्यापक, कार्यालय और स्टॉफ के लिए अलग कमरे होने चाहिए

- स्कूल के भवन में खेल-कूद के लिए मैदान जरूरी

- स्कूल में खेलकूद का पूरा सामान होना चाहिए

- स्कूल की फीस में तीन वर्ष से पहले वृद्धि नहीं की जाएगी

- तीन वर्ष बाद भी 10 प्रतिशत ही वृद्धि की जाएगी

- अध्यापकों के वेतन के बाद स्कूल की वार्षिक आय में केवल 20 प्रतिशत ही बचत होनी चाहिए --क्या कहते हैं अधिकारी

मान्यता के नियम और शर्तों में बदलाव किया गया है। सुरक्षित कोष की धनराशि को बढ़ा दिया गया है। अब किराये के भवन में भी स्कूल नहीं चल सकेंगे। इस संबंध में सभी एनपीआरसी को आदेश दे दिए गए हैं। --पंकज अग्रवाल, खंड शिक्षा अधिकारी

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