एलिवेटिड रोड के निर्माण में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

संजीव वर्मा, पिलखुवा : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तृतीय प्रोजेक्ट के तहत डासना से हापुड़ बाईपास तक चौड़ीकरण व शहर में एलिवेटेड रोड का निर्माण अधिकारियों की अनदेखी के कारण अव्यवस्थाओं के बीच चल रहा हैं। इसके चलते अब दो बार हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। अव्यवस्थाओं के कारण रोजाना राहगीर जाम से जूझ रहे हैं। वहीं किसी बड़े हादसे होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 06:11 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 06:11 PM (IST)
एलिवेटिड रोड के निर्माण में अव्यवस्थाओं का बोलबाला
एलिवेटिड रोड के निर्माण में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

संजीव वर्मा, पिलखुवा :

नगर में निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य में प्रशासनिक और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अव्यवस्थाओं का बोलबाला हो रहा हैं। इस कारण निर्माण कार्य के दौरान दो बार हादसे भी हो चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी मूकदर्शक बने हैं। इन अव्यवस्थाओं के कारण प्रतिदिन यात्रियों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर प्रतिदिन लगने वाला जाम यात्रियों की समस्या का सबसे बड़ा कारण है। कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

डासना से हापुड़ तक लगभग 32 किमी लंबी सड़क को छह लेन चौड़ा करने का कार्य चल रहा है। पिलखुवा में 4.5 किमी की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है। करोड़ों की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन करने का कार्य जून 2019 तक संपन्न होने की संभावना है। एलिवेटिड सड़क का निर्माण चेतक इंटरप्राइजेज कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के दौरान इस कंपनी के कर्मचारी सुरक्षा के ²ष्टिकोण से सावधानियां नहीं बरत रहे हैं। कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पूर्व में दो बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। 15 दिसंबर 2017 को टीचर्स कॉलोनी के सामने निर्माण कार्य के दौरान एक पिलर तैयार किए जाने के दौरान लोहे का जाल अचानक गिर गया था, जिसमें पांच मजदूर फंस गए थे। कड़े प्रयासों के बाद मजदूरों को जाल से बाहर निकाला गया था। इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद जिलाधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच करना उचित नहीं समझा। अप्रैल 2018 में भी जाल झुकने के कारण मजदूर फंस गए थे। निर्माणदायी संस्था द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं किए जाने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजमार्ग पर जगह-जगह खोदाई होने के बावजूद किसी भी स्थान पर संकेतक बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं, हल्की असावधानी के कारण वाहन इनमें गिर जाते हैं। निर्माण कार्य में जुटे कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति निर्माणदायी संस्था गंभीर नहीं है। कर्मचारियों को हेलमेट नहीं उपलब्ध कराए गए हैं। कई जगह अवैध कट खुले हैं। वर्तमान में पिलरों पर बीम डालने का काम चल रहा है। इस दौरान भी पूरी असावधानी बरती जा रही है। नियमानुसार जिस स्थान पर बीम डाला जा रहा है उससे करीब आधा किमी पहले दोनों ओर यातायात रोकने का प्रावधान है, लेकिन इस मार्ग पर यातायात लगातार चलता रहता है।

वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का बीम गिरने से बीस लोगों की मौत हुई थी। दुर्घटना बीम को उठा रही मशीन में लगी रस्सी टूटने के कारण हुई थी। यहां भी इस तरह की दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। एलिवेटिड सड़क के निर्माण में अव्यवस्थाओं से संबंधित कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर निर्माणदायी संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और चल रही व्यवस्थाओं को बदला जाएगा।

-हनुमान प्रसाद, उपजिलाधिकारी धौलाना इंजीनियर्स की टीम लगातार निर्माण स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण करती है। पिछले दिनों जाल में कर्मचारियों के फंसने का मामला सामने आया था। इस कारण निर्माणदायी संस्था को सुरक्षा प्रबंधों का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया था। जल्द ही मैं स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा।

-आरपी ¨सह, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

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