गाइड लाइन स्पष्ट न होने से असमंजस में मूर्तिकार

संस भरुआ सुमेरपुर शासन की गाइड लाइन में स्पष्ट निर्देश न होने के कारण कस्बे के मूर्तिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Oct 2020 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2020 11:07 PM (IST)
गाइड लाइन स्पष्ट न होने से असमंजस में मूर्तिकार
गाइड लाइन स्पष्ट न होने से असमंजस में मूर्तिकार

संस, भरुआ सुमेरपुर : शासन की गाइड लाइन में स्पष्ट निर्देश न होने के कारण कस्बे के मूर्तिकार असमंजस में हैं। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर से गाइड लाइन स्पष्ट करने की गुहार लगाई है।

नवरात्र शुरू होने में अब महज एक सप्ताह है। कस्बे के 12 मूर्तिकार पूरे वर्ष मूर्तियां बनाकर जीवन यापन करते हैं। शारदीय नवरात्र में इनका कारोबार मुनाफे वाला होता है। लिहाजा इसके लिए वह तीन माह पूर्व से ही तैयारी में जुट जाते हैं। इस वर्ष भी इन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रात दिन मूर्तियां बनाने में लगाया और जमा पूंजी के साथ दुकानदारों से कर्ज लेकर सामग्री एकत्र करके लाखों के कर्जदार इस उम्मीद के साथ बने थे कि सरकार की तरफ से नव दुर्गा महोत्सव की स्पष्ट गाइड लाइन जारी की जाएगी। उनका कारोबार चमकेगा और वह कर्ज से मुक्त होकर आत्मनिर्भर बन जाएंगे। लेकिन सरकार की स्पष्ट गाइड लाइन न होने से यह असमंजस में हैं। इनकी हालत बेहद पतली हो गई है। इनके समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब इन मूर्तियों का क्या करें जिनको बनाने में लाखों रुपये फंसा दिए है। कस्बे के मूर्तिकार रघुराज सिंह, मनोज कुमार, संदीप, निशांत, देवा, एसके, नटराज, राकेश, रणवीर, भरत, सोनू आदि ने बताया कि शासन ने नव दुर्गा महोत्सव सहित रामलीला के आयोजन की अनुमति दी है लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि दुर्गा पांडाल में मृूर्तियां रखी जाएंगी या नहीं। इससे असमंजस के हालात बन गए हैं। यही कारण है कि अभी तक उनके पास मूर्ति लेने का एक भी आर्डर नहीं आया है। जबकि प्रतिवर्ष इस समय आर्डर की लाइन लगी थी और उनके हाथों से निर्मित मूर्तियां जनपद के सभी शहर, कस्बों, गांवों के अलावा बांदा, चित्रकूट, महोबा, जालौन, कानपुर, फतेहपुर जनपदों तक जाती थीं। लेकिन इस वर्ष कहीं से अब तक आर्डर नहीं मिला है। इससे वह बेहद निराश हैं।

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