यहां एक कमरे में समा गई पूरी जेल
सिद्धार्थनगर के जिला कारागार के एक कमरे में पूरी जेल समा गया है। ऐसा जेल में सीसीटीवी कैमरों के लगने से हुआ है।
गोरखपुर/सिद्धार्थनगर, (जेएनएन)। जिला कारागार के एक कमरे में पूरी जेल समाई है। जेल प्रशासन वहां से बैठकर प्रत्येक कैदियों पर नजर रखता है। इसकी प्रमुख वजह जेल में लगे 30 कैमरे हैं। इसमें से दो कैमरे घूमने वाले हैं। वह अपने स्थान से ही चारो तरफ घूमते रहते हैं। इसके जरिये जिला कारागार के 650 बंदियों पर नजर रखी जा रही है। बंदी रक्षक ड्यूटी करते हैं अथवा नहीं उस पर भी नजर रहती है।
जेल में व्यवस्था किस कदर संचालित है। इसकी जानकारी के लिए जेल अधीक्षक के कक्ष में आना होगा। यहां टीवी की बड़ी स्क्रीन से से जेल के 30 कैमरे कनेक्टेड हैं। यह कैमरे जेल में हर पल की खबर देते हैं। इसमें से कई कैमरे गतिमान अवस्था में रहते हैं। वह एक ही स्थान से घूमकर जेल के चप्पे-चप्पे पर नजर रखते हैं। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हुई है।
जेल प्रशासन का मानना है कि जेल में कोई बंदी किसी साजिश में लगा है तो इसकी भी खबर हो जाएगी। हर बैरक में होंगे दो कैमरे जिला कारागार में कुल 650 कैदी हैं। बंदी रक्षकों के अलावा इन कैदियों पर 30 सीसीटीवी द्वारा नजर रखी जाती है। जेल प्रशासन ने 89 और कैमरों की डिमांड भेजी है। स्वीकृति मिलते ही जेल में यह कैमरे लग जाएंगे। इससे जेल में कुल 119 कैमरे होंगे। इससे प्रत्येक बैरक में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। कैदियों की एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
आनलाइन हो सकती है जेल की निगरानी
जिला कारागार की निगरानी आनलाइन की जा सकती है। ब्राडबैंड व नेट से सेटअप बाक्स को कनेक्ट करके इसे आनलाइन किया जा सकता है। जिला कारागार में ब्राडबैंड का कनेक्शन पहले से मौजूद है। ऐसे में सिर्फ उसे कनेक्ट करने की देरी है। जेल प्रशासन अपनी यूजर आइडी व पासवर्ड बनाकर इसे सेफ भी रख सकता है। अधिकारी लखनऊ में हों अथवा दिल्ली में, कहीं से बैठकर निगरानी कर सकता है।
बेहतर हुई सुरक्षा व्यवस्था
जेल अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था कैमरों के लगने से बेहतर हुई है। बंदियों पर पूरी नजर रखी जा सकती है। 89 कैमरों की डिमांड की गई। कैमरे बढ़ने से यह स्थिति और बेहतर होगी।
जेल में व्यवस्था किस कदर संचालित है। इसकी जानकारी के लिए जेल अधीक्षक के कक्ष में आना होगा। यहां टीवी की बड़ी स्क्रीन से से जेल के 30 कैमरे कनेक्टेड हैं। यह कैमरे जेल में हर पल की खबर देते हैं। इसमें से कई कैमरे गतिमान अवस्था में रहते हैं। वह एक ही स्थान से घूमकर जेल के चप्पे-चप्पे पर नजर रखते हैं। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हुई है।
जेल प्रशासन का मानना है कि जेल में कोई बंदी किसी साजिश में लगा है तो इसकी भी खबर हो जाएगी। हर बैरक में होंगे दो कैमरे जिला कारागार में कुल 650 कैदी हैं। बंदी रक्षकों के अलावा इन कैदियों पर 30 सीसीटीवी द्वारा नजर रखी जाती है। जेल प्रशासन ने 89 और कैमरों की डिमांड भेजी है। स्वीकृति मिलते ही जेल में यह कैमरे लग जाएंगे। इससे जेल में कुल 119 कैमरे होंगे। इससे प्रत्येक बैरक में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। कैदियों की एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
आनलाइन हो सकती है जेल की निगरानी
जिला कारागार की निगरानी आनलाइन की जा सकती है। ब्राडबैंड व नेट से सेटअप बाक्स को कनेक्ट करके इसे आनलाइन किया जा सकता है। जिला कारागार में ब्राडबैंड का कनेक्शन पहले से मौजूद है। ऐसे में सिर्फ उसे कनेक्ट करने की देरी है। जेल प्रशासन अपनी यूजर आइडी व पासवर्ड बनाकर इसे सेफ भी रख सकता है। अधिकारी लखनऊ में हों अथवा दिल्ली में, कहीं से बैठकर निगरानी कर सकता है।
बेहतर हुई सुरक्षा व्यवस्था
जेल अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था कैमरों के लगने से बेहतर हुई है। बंदियों पर पूरी नजर रखी जा सकती है। 89 कैमरों की डिमांड की गई। कैमरे बढ़ने से यह स्थिति और बेहतर होगी।