यह सीएम सिटी का हाल, यहां बारिश शुरू होते ही ठप हो जाती है बिजली की आपूर्ति Gorakhpur News
गोरखपुर शहर की सिथति भी अजीब है। मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के बाद भी व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं है। सभी विभाग मनमानी कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। बारिश में जिले की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। घंटों बिजली न रहने से लाखों उपभोक्ताओं के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया। जबरदस्त बारिश के बाद भी लाखों लोग प्यासे रहे। देर रात तक शहर के कई इलाकों की आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी थी।
यहां बंद हो गए कई फीडर राप्तीनगर के मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े कुछ फीडर सोमवार रात 12 बजे बजे बंद हो गए। अवर अभियंताओं का मोबाइल फोन स्विच ऑफ होने के कारण लोगों ने बिजली गुल होने का कारण जानने के लिए उपकेंद्र पर फोन किया लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला। पूरी रात बिजली गुल रही। सुबह सुधार कार्य शुरू हुआ तो पता चला कि कई जगहों पर पेड़ की डालियां टूटकर तारों पर गिरी हैं। दोपहर बाद चरगांवा फीडर से जुड़े कई इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों की आपूर्ति बहाल की जा सकी। हालांकि बारिश के साथ बिजली की आंख-मिचौली जारी रही। यहां की हालत भी पीड़ादायक सुबह धर्मशाला उपकेंद्र बंद हो गया।
इसके बाद एक-एक कर कई उपकेंद्र बंद होते गए। ब्रेकडाउन से लालडिग्गी उपकेंद्र बंद हुआ तो नॉर्मल में भी बिजली गुल हो गई। लाइन ठीक की गई तो नौसड़ में तार टूटकर गिर जाने से घंटों आपूर्ति बाधित रही। राप्तीनगर से जुड़े राप्तीनगर फेज चार, महादेवपुरम समेत ज्यादातर इलाकों में बिजली संकट से त्राहि-त्राहि मची रही। पेड़ की डालियों को न काटने का भुगता खामियाजा बारिश शुरू होने से पहले पेड़ों की डालियां काटने का नियम है। लेकिन इस बार कुछ इलाकों को छोड़कर ज्यादातर में पेड़ की डालियां काटी ही नहीं गई।
हवा के साथ हुई बारिश से पेड़ की डालियां हाइटेंशन लाइनों से छूने लगीं। इस कारण लाइन होल्ड नहीं हुई। मेडिकल कॉलेज के पास तार पर ही पेड़ टूटकर गिर गया। इसके अलावा शहर के कई स्थानों पर तार पर टूटकर गिरी डालियों के कारण घंटों आपूर्ति बाधित रही। रुक-रुक कर आती जाती रही बिजली शहर के कई इलाके में रात से ही रूक-रूक कर बत्ती आती जाती है. इससे तारामंडल, खोराबार, मोहद्दीपुर, बक्शीपुर, शाहपुर, राप्तीनगर, शिवपुर सहबाजगंज, पादरी बाजार एरिया में एक-एक घटे पर बिजली आती जाती रही. इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जेई का आदोलन खत्म अंडरग्राउंड केबिल बिछाने में सही तरीके से अपना कार्य न निभाने पर के आरोप में तीन अफसरों को संस्पेंड किए जाने का मामला गरम हो गया है. मंगलवार को उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के पदाधिकारियों ने मोहद्दीपुर चीफ ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने संस्पेंड अफसरों के निलंबन को तत्काल वापसी की माग की. इस मौके पर चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए उनसे 72 घटे की मोहलत मागी है. लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपने आदोलन की स्थगित कर अपने काम पर लौट गए। कटौती, लो वोल्टेज ने बढ़ाई मरीजों की सासत एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रूम, पर्ची काउंटर के सामने लंबी लाइनें।
बिजली बंद होने से मरीज परेशान। यह दृश्य जिला और महिला अस्पताल का था। यही स्थिति लगभग वाडरें में भी रही। मंगलवार सुबह 8 से 11 बजे तक कुछ ऐसा नजारा यहा देखने को मिला। कई मरीजों ने मजबूरन प्राइवेट लैब से एक्स-रे करवाए तो बड़ी संख्या में रोगी बिना जाच निराश लौट गए। दरअसल विश्वविद्यालय से जिला और महिला अस्पताल में आने वाली हाईटेंशन तार का बॉक्स जलने की वजह से मंगलवार सुबह से दोनों जगह स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। अस्पताल प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था कर पाने में बेबस सा नजर आया। अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लंबी लाइन नजर आई। इसके अलावा पैथेलॉजी, एक्सरे रूम, लेबर रूम, शिशु नर्सरी, ब्लड बैंक और ओटी सभी जगह बिजली नहीं होने से खासी परेशानी हुई। मंगलवार को एक भी ऑपरेशन नहीं हो सके। जनरेटर से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
लेकिन बिजली गुल होते ही जैसे उसे चलाया गया उसमें भी तकनीकी फाल्ट आ गया। इसकी वजह से सही तरह से उसे भी नही चलाया जा सका। लो वोल्टेज से भी हुई परेशानी स बह करीब 8 बजे बिजली गुल होने के बाद से ही अफरा तफरी मच गई। लोग निराश होकर लाइन में खड़े होकर बिजली के आने का इंतजार करते रहे। इसी बीच करीब 10:30 बजे बिजली आई लेकिन लो वोल्टेज। जबकि अस्पताल प्रशासन का जनरेटर भी वोल्टेज नहीं उठा पा रहा था। ओपीडी पर्ची कंप्यूटर से लेकर कोई भी उपकरण काम नहीं कर रहा था।
बारिश होने की वजह से उमस भी हो गई थी। इसी में लो वोल्टेज से पंखे भी सही काम नहीं कर रहे थे। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ आर के गुप्ता का कहना है कि बिजली निगम से आने वाली सप्लाई बंद थी। जनरेटर चलाया गया था फाल्ट की वजह से जेनरेटर से वोल्टेज की सप्लाई नहीं मिल पा रही थी। 11 बजे तक उसे भी सही करा लिया गया।
यहां बंद हो गए कई फीडर राप्तीनगर के मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े कुछ फीडर सोमवार रात 12 बजे बजे बंद हो गए। अवर अभियंताओं का मोबाइल फोन स्विच ऑफ होने के कारण लोगों ने बिजली गुल होने का कारण जानने के लिए उपकेंद्र पर फोन किया लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला। पूरी रात बिजली गुल रही। सुबह सुधार कार्य शुरू हुआ तो पता चला कि कई जगहों पर पेड़ की डालियां टूटकर तारों पर गिरी हैं। दोपहर बाद चरगांवा फीडर से जुड़े कई इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों की आपूर्ति बहाल की जा सकी। हालांकि बारिश के साथ बिजली की आंख-मिचौली जारी रही। यहां की हालत भी पीड़ादायक सुबह धर्मशाला उपकेंद्र बंद हो गया।
इसके बाद एक-एक कर कई उपकेंद्र बंद होते गए। ब्रेकडाउन से लालडिग्गी उपकेंद्र बंद हुआ तो नॉर्मल में भी बिजली गुल हो गई। लाइन ठीक की गई तो नौसड़ में तार टूटकर गिर जाने से घंटों आपूर्ति बाधित रही। राप्तीनगर से जुड़े राप्तीनगर फेज चार, महादेवपुरम समेत ज्यादातर इलाकों में बिजली संकट से त्राहि-त्राहि मची रही। पेड़ की डालियों को न काटने का भुगता खामियाजा बारिश शुरू होने से पहले पेड़ों की डालियां काटने का नियम है। लेकिन इस बार कुछ इलाकों को छोड़कर ज्यादातर में पेड़ की डालियां काटी ही नहीं गई।
हवा के साथ हुई बारिश से पेड़ की डालियां हाइटेंशन लाइनों से छूने लगीं। इस कारण लाइन होल्ड नहीं हुई। मेडिकल कॉलेज के पास तार पर ही पेड़ टूटकर गिर गया। इसके अलावा शहर के कई स्थानों पर तार पर टूटकर गिरी डालियों के कारण घंटों आपूर्ति बाधित रही। रुक-रुक कर आती जाती रही बिजली शहर के कई इलाके में रात से ही रूक-रूक कर बत्ती आती जाती है. इससे तारामंडल, खोराबार, मोहद्दीपुर, बक्शीपुर, शाहपुर, राप्तीनगर, शिवपुर सहबाजगंज, पादरी बाजार एरिया में एक-एक घटे पर बिजली आती जाती रही. इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जेई का आदोलन खत्म अंडरग्राउंड केबिल बिछाने में सही तरीके से अपना कार्य न निभाने पर के आरोप में तीन अफसरों को संस्पेंड किए जाने का मामला गरम हो गया है. मंगलवार को उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के पदाधिकारियों ने मोहद्दीपुर चीफ ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने संस्पेंड अफसरों के निलंबन को तत्काल वापसी की माग की. इस मौके पर चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए उनसे 72 घटे की मोहलत मागी है. लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपने आदोलन की स्थगित कर अपने काम पर लौट गए। कटौती, लो वोल्टेज ने बढ़ाई मरीजों की सासत एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रूम, पर्ची काउंटर के सामने लंबी लाइनें।
बिजली बंद होने से मरीज परेशान। यह दृश्य जिला और महिला अस्पताल का था। यही स्थिति लगभग वाडरें में भी रही। मंगलवार सुबह 8 से 11 बजे तक कुछ ऐसा नजारा यहा देखने को मिला। कई मरीजों ने मजबूरन प्राइवेट लैब से एक्स-रे करवाए तो बड़ी संख्या में रोगी बिना जाच निराश लौट गए। दरअसल विश्वविद्यालय से जिला और महिला अस्पताल में आने वाली हाईटेंशन तार का बॉक्स जलने की वजह से मंगलवार सुबह से दोनों जगह स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। अस्पताल प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था कर पाने में बेबस सा नजर आया। अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लंबी लाइन नजर आई। इसके अलावा पैथेलॉजी, एक्सरे रूम, लेबर रूम, शिशु नर्सरी, ब्लड बैंक और ओटी सभी जगह बिजली नहीं होने से खासी परेशानी हुई। मंगलवार को एक भी ऑपरेशन नहीं हो सके। जनरेटर से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
लेकिन बिजली गुल होते ही जैसे उसे चलाया गया उसमें भी तकनीकी फाल्ट आ गया। इसकी वजह से सही तरह से उसे भी नही चलाया जा सका। लो वोल्टेज से भी हुई परेशानी स बह करीब 8 बजे बिजली गुल होने के बाद से ही अफरा तफरी मच गई। लोग निराश होकर लाइन में खड़े होकर बिजली के आने का इंतजार करते रहे। इसी बीच करीब 10:30 बजे बिजली आई लेकिन लो वोल्टेज। जबकि अस्पताल प्रशासन का जनरेटर भी वोल्टेज नहीं उठा पा रहा था। ओपीडी पर्ची कंप्यूटर से लेकर कोई भी उपकरण काम नहीं कर रहा था।
बारिश होने की वजह से उमस भी हो गई थी। इसी में लो वोल्टेज से पंखे भी सही काम नहीं कर रहे थे। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ आर के गुप्ता का कहना है कि बिजली निगम से आने वाली सप्लाई बंद थी। जनरेटर चलाया गया था फाल्ट की वजह से जेनरेटर से वोल्टेज की सप्लाई नहीं मिल पा रही थी। 11 बजे तक उसे भी सही करा लिया गया।