हरी झंडी के इंतजार में पांच माह से खड़ी है मेमू ट्रेन, इंतजार में बदल गई पूर्वांचल वासियों की खुशी

पूर्वोत्तर रेलवे को 15 जून को मेमू की सौगात मिली थी। लेकिन अभी तक इसका संचालन नहीं हो सका है। ट्रेनों की मांग बढ़ने के बाद भी मेमू फिट नहीं हो पा रही है। ऐसे में पूर्वांचल के लोगों की खुशी प्रतिक्षा में बदल गई है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 11:25 AM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 11:25 AM (IST)
हरी झंडी के इंतजार में पांच माह से खड़ी है मेमू ट्रेन, इंतजार में बदल गई पूर्वांचल वासियों की खुशी
हरी झंडी के इंतजार में खड़ी है मेमू ट्रेन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पांच माह से अधिक हो गए, लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे की नई मेमू ट्रेन (मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) चल नहीं पाई। वह आज भी औड़िहार लोको शेड में चलने के लिए हरी झंडी के इंतजार में खड़ी है। न वह चलने योग्य फिट हो पा रही और न रेलवे प्रशासन उसकी सुधि ले रहा है। यह तब है जब पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-नरकटियागंज, गोरखपुर-सीवान-छपरा, छपरा-बलिया-बनारस आदि लोकल रूटों पर ट्रेनों की लगातार मांग बढ़ती जा रही है।

15 जून को मिली थी मेमू की सौगात

रेलवे बोर्ड ने 15 जून 2022 को पूर्वोत्तर रेलवे को नई मेमू ट्रेन की सौगात दी थी। पूर्वांचल के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। सोचा चलो मेमू से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन उनकी खुशी प्रतीक्षा में बदल गई। लोग आज भी लखनऊ और वाराणसी मंडल के क्षेत्रीय मार्गों पर नई मेमू ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि रेक में ही कुछ दिक्कत है, इसलिए मेमू शेड से बाहर नहीं निकल पा रही। उसके संचालन में समय लगेगा। रेलवे प्रशासन का कहना है कि फिट मिलते ही रूट निर्धारित कर मेमू का संचालन शुरू करा दिया दिया जाएगा।

इन रूटों पर हो चुका है विद्युतीकरण

लखनऊ मंडल के पचपेड़वा- सुभागपुर 85 किमी रेलमार्ग को छोड़ पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-नरकटियागंज, गोरखपुर-सीवान-छपरा, गोरखपुर-औड़िहार-वाराणसी सभी प्रमुख रूटों का विद्युतीकरण हो चुका है। लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चल रही हैं। आने वाले दिनों में पैसेंजर (सवारी गाड़ी) और डेमू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) की जगह मेमू ट्रेनें ही चलाई जाएंगी। रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को 80 मेमू ट्रेनों का प्रस्ताव भेजा है। नए साल में गोरखपुर-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें चलने लगेंगी।

गोरखपुर जंक्शन के आसपास शेड बनाने की है योजना

वर्ष 2019 से पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल स्थित बलिया-प्रयागराज रामबाग, मऊ-प्रयागराज रामबाग, गाजीपुर-प्रयागराज संगम तथा वाराणसी सिटी-भटनी रेल खंड पर कुल चार मेमू ट्रेनें चल रही हैं। इन ट्रेनों की मरम्मत भी औड़िहार स्थित डेमू ट्रेन के लिए स्थापित लोको शेड में ही होती है। मेमू ट्रेनों के लिए अभी तक कोई अलग से शेड नहीं है। गोरखपुर जंक्शन के आसपास शेड बनाने की योजना है। इसके लिए सर्वे किया गया है, लेकिन अभी तक स्थल चिन्हित नहीं हो पाया है।

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