महिला मरीज के इलाज में लापरवाही की सूचना पर जिला महिला अस्पताल पहुंचे डीएम, कर्मचारियों की ली क्लास

जिलाधिकारी को महिला के उपचार में लापरवाही की शिकायत मिली थी। इसकी जांच करने खुद जिलाधिकारी महिला जिला अस्‍पताल पहुंच गए। इस दौरान उन्‍होंने डाक्‍टरों और कर्मचारियों काेे कडी फटकार लगाई। साथ ही हर मरीज का समुचित उपचार करने का निर्देश दिया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 11:05 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 11:05 AM (IST)
महिला मरीज के इलाज में लापरवाही की सूचना पर जिला महिला अस्पताल पहुंचे डीएम, कर्मचारियों की ली क्लास
उपचार में लापरवाही की ि‍शिकायत पर महिला जिला अस्‍पताल पहुुंचे जिलाधिकारी। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महिला मरीज के इलाज में लापरवाही की सूचना मिलने पर डीएम विजय किरन आनंद सोमवार की शाम को जिला महिला अस्पताल पहुंचे। अचानक उन्हें देखकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने कर्मचारियों की क्लास ली और मरीजों की ठीक से देखभाल करने का निर्देश दिया।

मरीज के स्‍वजन को समझाकर मैनेज कर लिया था मामला

डीएम के अस्पताल पहुंचने के पहले अस्पताल प्रबंधन ने मरीज व उसके स्वजन को समझाकर मामला मैनेज कर लिया था। बताया जाता है कि अस्पताल के डाक्टर व कर्मचारियों ने महिला एवं उसके स्वजन से बेहतर इलाज होने की बात लिखवा कर रख लिया था। डीएम ने डाक्टर व कर्मचारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मौजूद संसाधनों का पूरा उपयोग मरीजों के हित में किया जाए। मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. नीना त्रिपाठी उपस्थित रहीं।

बाहर से दवा खरीदने की मिली थी शिकायत

बिहार के बेतिया निवासी गुड्डू महतो शहर में मजदूरी करते हैं। वह महादेव झारखंडी कालोनी में किराए पर कमरा लेकर पत्नी-ब'चों के साथ रहते हैं। शुक्रवार की रात गुड्डू की गर्भवती पत्नी सोना देवी के पेट में तेज दर्द और उल्टी शुरू हो गई। गुड्डू के पास रुपये नहीं थे। उन्होंने पत्नी के इलाज के लिए 700 रुपए में अपना मोबाइल गिरवी रखकर उन्हें जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां कुछ दवाएं न मिलने से उन्हें बाजार से दो बार 335 रुपए की दवाएं खरीदनी पड़ीं। सुबह दर्द की हालत में मरीज को वार्ड से बाहर कर दिया गया। इस मामले में अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. रमेश गोयल और सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने जांच का निर्देश दिया है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. नीना त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी किया है। उन्होंने स्पष्टीकरण दे दिया है।

जिले में 22.32 लाख लोग कोरोना से हुए सुरक्षित

जिले में कोरोना से 2232066 लोग सुरक्षित हो गए हैं। इन्हें कोरोना रोधी टीका लगाया जा चुका है। हालांकि इनमें अभी सर्वाधिक संख्या पहली डोज वालों की ही है। विभाग का मानना है कि पहली डोज भी कोरोना से सुरक्षित करती है। इतनी एंटीबाडी बना देती है कि कोरोना उन्हें गंभीर नहीं कर पाएगा। दूसरी डोज उस एंटीबाडी को और बूस्ट करती है। सोमवार को 141 बूथों पर 44028 लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। 35319 को पहली व 8709 को दूसरी डोज लगाई गई। बूथों पर उत्साह का माहौल था।

1.20 लाख लोगों ने नहीं लगाया है दूसरा डोज

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि लगभग 1.20 लाख लोग ऐेसे हैं, जिनकी दूसरी डोज लगवाने का समय बीत चुका है लेकिन अभी उन्हें टीका नहीं लगाया जा सका है। उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पहली डोज लगने के 15 दिन बाद एंटीबाडी इतनी बन जाती है कि कोरोना प्रभावी न होने पाए। जिले में अभी तक लगभग 1806705 लोगों को पहली व 425361 लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। शासन से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन आ रही है। इसलिए अब बूथों पर पहुंचने वाले सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। ज्यादातर बूथों को संचालित किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा लगी कोविशील्ड

जिले में सबसे ज्यादा लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई है। अभी तक 1968142 लोगों को कोविशील्ड व 263924 लोगों को कोवैक्सीन लगाई गई है। कोविशील्ड की ज्यादा आपूर्ति है, इसलिए ज्यादातर बूथों पर यही वैक्सीन भेजी जा रही है।

टीका लगवाने में युवा आगे

स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्करों को सबसे पहले टीका लगा था। इसके बाद बुजुर्गों का नंबर आया। उन्हें टीका लगाने के बाद युवाओं को मौका दिया गया लेकिन अब युवा सबसे आगे निकल गए हैं। 18 से 44 वर्ष वालों की संख्या 1316197 है। जबकि 45 से 60 वर्ष के 565539 व 60 वर्ष से अधिक के 350330 बुजुर्गों ने टीका लगवाया है।

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