इमाम हुसैन ने पेश की इंसानियत की मिसाल

गाजीपुर : नोनहरा क्षेत्र के हुसैनपुर में बुधवार की देर शाम पूरी अकीदत के साथ अमारी का जुलूस निकाला गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने इमाम हसन अस्करी के ताबूत की जियारत की। इसके अलावा कर्बला के शहीदों की याद में 72 अलम निकाले गए जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। देर शाम जुलूस स्थानीय कर्बला ले जाकर अगले वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 09:21 PM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 09:21 PM (IST)
इमाम हुसैन ने पेश की इंसानियत की मिसाल
इमाम हुसैन ने पेश की इंसानियत की मिसाल

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नोनहरा क्षेत्र के हुसैनपुर में बुधवार की देर शाम पूरी अकीदत के साथ अमारी का जुलूस निकाला गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने इमाम हसन अस्करी के ताबूत की जियारत की। इसके अलावा कर्बला के शहीदों की याद में 72 अलम निकाले गए जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। देर शाम जुलूस स्थानीय कर्बला ले जाकर अगले वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया।

मजलिस की शुरुआत सोजख्वानी (लयबद्ध तरीके से कर्बला के शहीदों को बैठ कर याद करना) हसीन व उनके साथियों ने की। इसके बाद शबीह गोपालपुरी, मायल चंदौलवी व कद्र पारवी ने अपने कलाम पेश किए। मजलिस को खिताब फरमाया मौलाना फसीह हैदर दिल्ली ने। उन्होंने बयान किया इमाम हुसैन ने पूरी उम्र इंसानियत की मिसाल पेश की। अंत में उन्होंने कर्बला के शहीदों की शहादत पेश की जिसे सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं। इसके बाद अंबेडकर नगर से आए मौलाना शारिब अब्बास ने तकरीर कर अलम, ताबूत, अमारी एवं जुलजनाह एक-एक कर निकलवाया। उनकी तकरीर सुनकर पूरा माहौल गमगीन हो गया। जुलूस को स्थानीय कर्बला ले जाया गया। दूर-दराज से आए लोगों का शुक्रिया अंजुमनें अब्बासिया की ओर से किया गया। इसी क्रम में गुरुवार को नगर के जुड़नशहीद मोहल्ले से इमाम हसन एवं रसूले खुदा (स.) की याद में ताबूत निकाला गया जो अपने कदीम रास्तों से होता हुआ सट्टी मस्जिद स्थित इमाबाड़ा में अगले वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया। इस दौरा बाहर से आई अंजुमनों ने नौहा व मातम किया।

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