महिलाओं व छात्राओं का संबल बनेगी 'आशा किरण'

गाजीपुर : पुरुषवादी समाज से दो-दो हाथ करने एवं महिलाओं को उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए मैदान म

By Edited By: Publish:Thu, 03 Sep 2015 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2015 01:01 AM (IST)
महिलाओं व छात्राओं का संबल बनेगी 'आशा किरण'

गाजीपुर : पुरुषवादी समाज से दो-दो हाथ करने एवं महिलाओं को उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए मैदान में आ रही है 'आशा किरण' की वीर बालाएं। यह योजना राज्य महिला आयोग की पहल पर शुरू की जा रही है। इसके तहत राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाली दस छात्राओं का एक ग्रुप बनाया जाएगा, और उन्हें कराटे एवं विधि (कानून) का प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया जाएगा। ताकि वह अपनी सुरक्षा के साथ छेड़खानी व उत्पीड़न की शिकार अन्य छात्राओं एवं महिलाओं की भी सहायता कर सकें। यह जानकारी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में महिला उत्पीड़न मामलों की सुनवाई करने के दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी व्यास ने दी।

मीनाक्षी व्यास ने बताया कि दिन पर दिन छात्राओं के साथ छेड़खानी व महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। छेड़खानी की सबसे ज्यादा शिकार इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राएं बनती हैं। ऐसे में राज्य महिला आयोग ने 'आशा किरण' नाम से एक योजना शुरू की है। इसके तहत दस से 15 छात्राओं को एक ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें केवल राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को शामिल किया जाएगा। इन छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ उन्हें महिला उत्पीड़न से संबंधित कानून के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। 'आशा किरण' की सभी सदस्यों को राज्य महिला आयोग द्वारा एक आईडी कार्ड भी जारी किया जाएगा। वहीं उन्हें आयोग के सदस्यों के साथ पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराएं जाएंगे। 'आशा किरण' की यह वीर बालाएं स्वयं की सुरक्षा तो करेंगी ही, साथ ही अन्य छात्राओं और महिलाओं का भी संबल बनेंगी। वह छात्राओं एवं महिलाओं में जागरुकता फैलाएंगी। अगर किसी छात्रा या महिला के साथ कोई अभद्र व्यवहार करता हो या किसी विवाहिता का उसका पति या ससुराल वाले उत्पीड़न कर रहे हों तो वह 'आशा किरण' की सदस्यों से शिकायत दर्ज करा सकती हैं। 'आशा किरण' की सदस्य पहले उन मामलों का हल बातचीत से निकालने का प्रयास करेंगी। अगर इसके बात भी मामला नहीं सुलझता है तो वह इस मामले का राज्य महिला आयोग और पुलिस को अवगत कराएंगी। 'आशा किरण' की पहल पर महिला आयोग व पुलिस प्रशासन गंभीरता से लेते हुए उस पर तत्काल कार्रवाई करेगा। 'आशा किरण' के गठन की जिम्मेदारी जिला प्रोबेशन अधिकारी को सौंपी गई है। इसके अलावा मीनाक्षी व्यास ने कहा कि महिलाओं से पूछताछ के लिए सभी थानों में कम से कम एक महिला पुलिस होनी चाहिए। वहीं किसी आरोप में महिलाओं को बंद करने के लिए अगल से लाकअप की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन यहां पर इसकी कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है। अगर पुलिस अधिकारी पहल करें तो महिला आयोग यहां पर एक नारी संरक्षण गृह खोलने के लिए मुख्यमंत्री से सिफारिश करेगा।

दस मामलों की हुई सुनवाई

- इस दौरान मीनाक्षी व्यास ने दस मामलों की सुनवाई की। उनके सामने जमानियां के हरपुर निवासी गायत्री यादव का भरण-पोषण का मामला प्रस्तुत हुआ। उनकी तीन बेटियां हैं लेकिन पति द्वारा खर्च नहीं दिया जा रहा है। इस पर उन्होंने परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सुहवल थानाक्षेत्र के ग्राम गौड़ामोड़ निवासी चंद्रावती राय ने भूमि विवाद का मामला रखा। उसे समाधान दिवस में प्रस्तुत कर फोर्स के साथ कार्यवाही करने का निर्देश दिया। ग्राम-गौड़उर निवासी बचनी पति राजेंद्र खरवार, ने अपनी बेटी को जला कर मारने का मामला प्रस्तुत किया। इस पर उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि आरोपियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। सैदपुर तहसील के खानपुर थाना क्षेत्र के अनौनी निवासी किरण पांडेय पत्नी र¨वद्र पांडेय ने अपनी जमीन पर अवैध

कब्जे की शिकायत की। इस पर एसडीएम सैदपुर को मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा। वहीं नगर क्षेत्र की अरसी फातिमा, मुहम्मदाबाद की नरसीआरा, करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राजापुर निवासी कुमारी क्षमता पुत्री दिनेश चौबे, नोनहरा की किरण यादव का मामना प्रस्तुत किया गया। सभी मामलों में मीनाक्षी व्यास ने सख्ती के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कहा कि यदि थाने

द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं किया जाता है तो आयोग के द्वारा दर्ज कराया जायेगा। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक नगर लल्लन राय, उपजिलाधिकारी सत्यप्रकाश मिश्र, तहसीलदार ओमप्रकाश, जिला प्रोबेशन अधिकारी गुलाब राम व महिला थानाध्यक्ष अनीता ¨सह आदि उपस्थित रहीं।

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