गुरु बिना जीवन में प्रकाश संभव नहीं

जखनियां (गाजीपुर) : पूर्णिमा के चंद्रमा की भांति जिसके जीवन में प्रकाश है वही अपने शिष्यों में ज्

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 08:07 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 08:07 PM (IST)
गुरु बिना जीवन में प्रकाश संभव नहीं

जखनियां (गाजीपुर) : पूर्णिमा के चंद्रमा की भांति जिसके जीवन में प्रकाश है वही अपने शिष्यों में ज्ञान रूपी चंद्र की किरणें बिखेर सकता है। गुरु हमारे जीवन को सही राह पर ले जाते हैं। वह हमारे अंदर संस्कारों का सृजन, गुणों का संव‌र्द्धन एवं दुर्भावनाओं का विनाश करते हैं। गुरु पूर्णिमा सदगुरु के पूजन का पर्व है। गुरु के प्रति नतमस्तक होकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। यह किसी व्यक्ति की पूजा नहीं अपितु ज्ञान का आदर और पूजन है। उक्त बातें महा मंडलेश्वर भवानीनंदन यति ने सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर शनिवार की शाम कही। इसके पूर्व महामंडलेश्वर ने अपने ब्रह्मलीन गुरु बालकृष्ण यति जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर पूजन अर्चन किया। उसके बाद सिद्धपीठ पर गुरुपूजा के निमित्त देश के कोने कोने से जुटे शिष्यों ने पीठाधिपति महामंडलेश्वर का दर्शन पूजन व आरती उतार आशीर्वाद ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि गुरु कृपा के बिना व्यक्ति के जीवन में प्रकाश संभव नहीं है। गुरु कृपा प्राप्ति के लिए पात्रता आवश्यक है। बिना गुरु कृपा के ईश्वर से साक्षात्कार संभव नहीं है। डा. रत्नाकर त्रिपाठी, बालक दास,विजय नारायन ¨सह, विपिन पांडेय, राजन, जितेंद्र ¨सह, व भव, अशोक गुप्ता, ग्वालियर, डा. सुरेंद्र ¨सह, मेजर इंद्रजीत ¨सह आदि उपस्थित थे। हरियाबाद : पलिवार मठ पर गुरु पूर्णिमा का पर्व विधि-विधान से पूजा-अर्चन कर मनाया गया। महंत स्वामी कौतलेंद्र पुरी महाराज ने कहा कि गुरू साक्षात ब्रह्म होता है। गुरू की कृपा से ही तमाम बुराईयों पर विजय प्राप्त कर इंसान को भागवत की प्राप्ति होती है। मौके पर मठ से जुड़े विभिन्न मठों के श्रद्धालुओं सहित अन्य प्रांतों के भी भक्त मौजूद थे। देर रात तक भंडारा का कार्यक्रम चलता रहा।

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