पड़ोसी की एनओसी पर बेसमेंट को शमन करने की सलाह दी
जीडीए ने आर्किटेक्ट और बिल्डरों से रायशुमारी करने के बाद शमन योजना-2020 के संबंध में सुझाव भेज दिए हैं। शमनीय क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की मांग की है। यह सुझाव दिया है कि नक्शे के विपरीत इमारत में बेसमेंट बना दिया गया है तो पड़ोसी की एनओसी लेने के बाद उसे शमन योग्य माना जाए। इसके अलावा आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अनुमन्य करने के संबंध में सुझाव भेजा गया है।
जासं, गाजियाबाद : जीडीए ने आर्किटेक्ट और बिल्डरों से रायशुमारी करने के बाद शमन योजना-2020 के संबंध में सुझाव भेज दिए हैं। शमनीय क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की मांग की है। यह सुझाव दिया है कि नक्शे के विपरीत इमारत में बेसमेंट बना दिया गया है तो पड़ोसी की एनओसी लेने के बाद उसे शमन योग्य माना जाए। इसके अलावा आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अनुमन्य करने के संबंध में सुझाव भेजा गया है।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने हाल में शमन योजना-2020 का ड्राफ्ट जारी कर सुझाव मांगे थे। उसमें बताया था कि अधिकृत कॉलोनियों में हुए उन अवैध निर्माणों को इस योजना का मिलेगा, जिन्हें सामान्य शमन उपविधि के तहत मानचित्र स्वीकृत कर वैध नहीं किया जा सकता। जीडीए के सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि नक्शे से ज्यादा हुए निर्माण को वैध करने के लिए शमन योजना-2020 में एक सीमा तय की गई है। उन्होंने बताया कि योजना के ड्राफ्ट में बताई गई सीमा के अंतर्गत कम अवैध निर्माण वैध हो पाएंगे। इस वजह से इस सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया गया है। शमन करते वक्त सबसे ज्यादा पेंच बेसमेंट वाले भवनों में फंसता है। उसके लिए शासन को सुझाव भेजा गया है कि बेसमेंट को वैध करने से पहले पड़ोसी से एनओसी ले ली जाए। क्योंकि, पड़ोसी ही बेहतर बता सकता है कि उसे परेशानी होगी या नहीं। उन्होंने बताया कि आवासीय क्षेत्रों में 24 मीटर रोड पर बनी डेली यूज की वस्तुओं वाली दुकानों को इसी योजना में शमन करने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसी दुकानों के लिए शासन अलग से योजना लाने की तैयारी कर रहा है। जिसमें वक्त लग सकता है।