1180 गांवों के खेत की मिट्टी जैविक खाद से ंबनेगी ताकतवर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : निरंतर रासायनिक खादों के प्रयोग से खराब हो रही मिट्टी की सेह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 15 Dec 2018 10:23 PM (IST)
1180 गांवों के खेत की मिट्टी जैविक खाद से ंबनेगी ताकतवर
1180 गांवों के खेत की मिट्टी जैविक खाद से ंबनेगी ताकतवर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : निरंतर रासायनिक खादों के प्रयोग से खराब हो रही मिट्टी की सेहत सुधारने को लेकर अब सरकारी कदमताल तेज हो गयी है। जिले में मिट्टी में कार्बन जीवांश बढ़ाने के लिए वर्मी कंपोस्ट के जरिए जैविक खाद तैयार की कोशिश प्रारंभ की गयी। अब तक 1180 राजस्व गांवों में कृषि विभाग द्वारा एक एक वर्मी कंपोस्ट पिट तैयार कराए गए हैं, इन पिटों को तैयार कर केचुआ के जरिए जैविक खाद बनाने वाले किसानों को प्रति पिट छह हजार का अनुदान भी दिया गया है। डीएम आंजनेय कुमार ¨सह का कहना है कि हमने सरकार की योजना तहत गांवों में उदाहरण के लिए यह पिट बनावाए हैं, अब हम ग्रामीणों को जागरूक कर जैविक खेती की ओर प्रेरित करेंगे ताकि मिट्टी की उर्वरा ठीक हो सके।

उप निदेशक कृषि प्रसार एके पाठक बताते है कि जिले की मिट्टी में जीवांश कार्बन 0.4 फीसद है जबकि स्वस्थ मिट्टी में इसकी मात्रा 0.8 फीसद होना चाहिए। मिट्टी को ताकतवर बनाने का अचूक अस्त्र वर्मी कंपोस्ट है, इसके लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सड़ी हुई गोबर की खाद के माध्यम से कचरा पचाकर निर्मित की गई कंपोस्ट प्रक्रिया को वर्मी कल्चर कहते हैं। जिससे जैविक खाद और केंचुओं का उत्पादन साथ-साथ होता है। कंपोस्ट पिट की जानकारी देते हुए बताया कि सामान्यत: पिट में बिना घुसे सभी कार्य किए जाने चाहिए। कोई भी किसान इसे यदि योजना के तहत बनाता है तो उसे तैयार पिट पर छह हजार का अनुदान दिया जाता है, लेकिन किसान खुद के पैसे से इसे तैयार करे तो वह रासायनिक खादों पर होने वाले खर्च से बच सकता है। वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि

तैयार कंपोस्ट पिट में 6 इंच मोटी सूखे चारे की तह बिछाएं उसके ऊपर 6 इंच अधपकी गोबर की खाद बिछा दें इसके बाद पानी से तर कर 48 घंटे पड़ा रहने दें। उसके बाद केंचुओं को इस पर समान रूप से बिखेर दें और उसके उपर 6 इंच मोटे कूड़े करकट की तह बिछा दें और टाट फट्टी से ढक दें। हजारे से तह टाट पर पानी छिड़कते रहें। पानी रोज छिड़के। करीब 40-50 दिन में वर्मी कंपोस्ट तैयार हो जाएगा। पिट में तैयार जैविक खाद में सामान्य मिट्टी से 5 गुना नाईट्रोजन, 7 गुना फास्फोरस, 11 गुना पोटास, 2 गुना मैग्नीशियम, तथा अनेक कई सूक्ष्म पोषक तत्व पानी में घुलनशील और पौधों को तुरंत प्राप्त होने वाले उपलब्ध रहते है। वर्मी कंपोस्ट के बारे में जाने

-सख्त जमीन को नरम बनाता है, भूमि में हवा के संचार बढ़ता है।

-मिट्टी की जलधारण क्षमता में 35 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।

-धूल कणों से चिपककर मृदा का वाष्पीकरण रोकता है जिससे पानी बचत होती।

-पिट में हमेशा नमी बनी रहनी चाहिए, पिट की फर्श को पक्का बनाएं।

-उपयोग की गई सामग्री में पत्थर कीट, कांच, प्लास्टिक के टुकड़े नहीं होने चाहिए।

-वर्मी कंपोस्ट जहां उपयोग करें वहां रसायन का उपयोग प्रतिबंधित करना चाहिए।

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