Shri Ram JanamBhoomi: अयोध्या में अब धम्म सेना ने रामजन्मभूमि परिसर में मांगी जमीन, अनशन पर बैठे दो लोग

Shri Ram JanamBhoomi अयोध्या में अखिल भारतीय आजाद बौद्ध धम्म सेना से जुड़े ज्ञानरत्न बुद्धशरण केसरिया एवं सुनित रत्न ने डॉ. अंबेडकर की मूर्ति के पास अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 01:54 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 01:54 PM (IST)
Shri Ram JanamBhoomi: अयोध्या में अब धम्म सेना ने रामजन्मभूमि परिसर में मांगी जमीन, अनशन पर बैठे दो लोग
Shri Ram JanamBhoomi: अयोध्या में अब धम्म सेना ने रामजन्मभूमि परिसर में मांगी जमीन, अनशन पर बैठे दो लोग

अयोध्या, जेएनएन। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भगवान श्रीराम का जन्मस्थान अयोध्या बताने पर अभी संत-महात्मा भड़के ही हैं कि यहां अब धम्म सेना ने श्रीरामजन्मभूमि परिसर में जमीन की मांग की है। यहां पर श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के लिए जमीन को समतल करने का काम चल रहा है। इसी बीच धम्म सेना के दो लोग श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही जमीन की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं।

अयोध्या में अखिल भारतीय आजाद बौद्ध धम्म सेना से जुड़े ज्ञानरत्न, बुद्धशरण केसरिया एवं सुनित रत्न ने कचेहरी परिसर में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति के पास अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। इनकी मांग है कि बौद्ध संस्कृति के अवशेषों को संरक्षित करने के साथ रामजन्मभूमि परिसर में बौद्ध संग्रहालय बनाने के लिए उन्हें जमीन दी जाय। इन दोनों अनशनकारियों का आरोप है कि वर्तमान की केंद्र एवं राज्य सरकार बौद्ध धर्म एवं संस्कृति को मिटाने का काम कर रही है। इन अनशनकारियों ने दावा है कि अयोध्या में बन रहे राममंदिर के निर्माण के लिए चल रहे उत्खनन एवं समतलीकरण के दौरान भगवान बुद्ध की बहुत सारी मूर्तियां, अशोक धम्म चक्र, कमल का फूल एवं अन्य बौद्ध अवषेश मिले हैं। इतना सब मिलने से यह स्पष्ट हो गया है कि वर्तमान अयोध्या ही प्राचीन बौद्ध नगरी साकेत है। इसके बाद भी प्रदेश में बौद्ध परंपरा के अवशेषों को मिटाया जा रहा है। इनकी मांग है कि बौद्ध संस्कृति के अवशेषों को संरक्षित करने के साथ रामजन्मभूमि परिसर में बौद्ध संग्रहालय बनाने के लिए उन्हें जमीन दी जाय। वहां पर इनको संरक्षित करने के साथ ही इनका प्रचार व प्रसार भी आसान होगा।

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से पहुंचे दो बौद्ध भिक्षुओं ने अनशन शुरू कर दिया है। अनशन पर बैठे आजाद बौद्ध धम्म सेना के प्रधान सेनानायक भांतेय बुद्ध शरण केसरिया का कहना है कि राम जन्मभूमि में मिले पुराने अवशेष अयोध्या के प्राचीन बौद्ध नगरी साकेत होने के साक्ष्य व सबूत हैं। उन्होंने यूनेस्को के संरक्षण में राम जन्मभूमि परिसर की खुदाई कराने की मांग की है। इसके साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार पर बौद्ध संस्कृति के अवशेषों को मिटाने का आरोप लगा है। अखिल भारतीय आजाद बौद्ध धम्म सेना राम जन्मभूमि की खुदाई में मिल रहे अवशेषों को संरक्षित करने की मांग की है। संगठन का मानना है कि राम जन्मभूमि परिसर में मिलने वाले प्रतीक चिन्ह बौद्ध कालीन हैं।

भांतेय बुद्ध शरण केसरिया का कहना है कि रामजन्मभूमि में मिले अवशेष अयोध्या के प्राचीन बौद्ध नगरी साकेत होने के साक्ष्य व सबूत हैं। साकेत नगर को कौशल नरेश राजा प्रसेनजीत ने परम पूज्य बोधिसत्व लोमष ऋषि की स्मृति में स्थापित किया था। धम्म सेनानायक ने कहा संगठन राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं करता है। बौद्ध संस्कृति के अवशेषों को संरक्षित करने के लिए यहां जमीन की मांग की जा रही है। इनका मानना है कि राम नगरी ही प्राचीन साकेत नगरी है, जो बुद्ध की नगरी मानी जाती थी। धम्म सेना ने यूनेस्को के संरक्षण में रामजन्मभूमि की खुदाई कराने की मांग की है। 

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