ग्लोबल हुआ अवध विवि का शोध कार्य

अयोध्या: शोध गंगा जहां शोध कार्यों को मजबूती प्रदान करेगी वहीं शोध में व्यापक स्तर पर होने वाली फर्जीवाड़े की रोक थाम लगायेगी। डॉ.नरेश चौधरी ने बताया कि शोध प्रबंध के ऑनलाइन होने पर डुप्लीकेसी बंद हो जायेगी। साथ ही इस क्षेत्र में अब हुये कटपेस्ट की भी पहचान हो सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 11:54 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 11:54 PM (IST)
ग्लोबल हुआ अवध विवि का शोध कार्य
ग्लोबल हुआ अवध विवि का शोध कार्य

अयोध्या : सरकार की नीति बदली तो देश के सभी विश्वविद्यालयों में अब तक हुए शोधकार्य वैश्विक फलक पर अपनी धाक जमाने को तैयार है। यूजीसी के पोर्टल पर शोध गंगा पर सभी शोध कार्य को अपलोड किया जा रहा है। डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन जुटा है। अब तक अवध विवि के तकरीबन ढाई सौ शोध प्रबंध अथवा शोध कार्य अपलोड किया जा चुका है। ऑनलाइन हो चुके इन शोध कार्यों की सहायता में शोध की दिशा व गुणवत्ता दोनों बदली जा सकेगी। देश-विदेश में बैठकर किसी के शोध को सर्च कर शोध प्रबंध पढ़ा जा सकेगा और नए शोध कार्य में इसकी मदद ली जा सकेगी।

अविवि ने यूजीसी के शोधगंगा पोर्टल पर करीब ढाई सौ शोध प्रबंध अपलोड किए हैं, ये कार्य अभी जारी है। 66 शोध प्रबंध का डिस्प्ले भी शुरू हो गया है। इन कार्यों की कमान संभालना वाले डॉ. नरेश चौधरी ने बताया कि भारत सरकार की मदद ये अनूठी मुहिम चल रही है। शोध गंगा पोर्टल पर सभी शोध प्रबंध अपलोड हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसे कहीं भी बैठकर पढ़ा जा सकता है। ----- शोध में होनी वाली डुप्लीकेसी पर लगेगी रोक -शोधगंगा जहां शोध कार्यों को मजबूती प्रदान करेगी। शोध में व्यापक स्तर पर होने वाली फर्जीवाड़े की रोक थाम लगाएगी। डॉ.नरेश चौधरी ने बताया कि शोध प्रबंध के ऑनलाइन होने पर डुप्लीकेसी बंद हो जाएगी। इस क्षेत्र में अब हुए कटपेस्ट की पहचान हो सकेगी।

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