मिलावटी दूध कर रहा लोगों को बीमार

संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : इन दिनों नगर सहित तहसील क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में मिलावटी दूध का धंधा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Apr 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 21 Apr 2017 01:01 AM (IST)
मिलावटी दूध कर रहा लोगों को बीमार
मिलावटी दूध कर रहा लोगों को बीमार

संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : इन दिनों नगर सहित तहसील क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में मिलावटी दूध का धंधा जोरों पर चल रहा है। जिसका प्रयोग करने से लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं फिर भी विभाग इन मिलावटखोरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

गर्मी का मौसम और सहालग आते ही दूध में कमी आ जाती है मगर मिलावटी दूध का धंधा करने वालों मे और बढ़ोत्तरी हो जाती है। इन मिलावट खोरों के पास हर समय ¨क्वटलों दूध मिल जाएगा। नगर सहित तहसील क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में मिलावटी दूध का कारोबार चरम चल रहा है। मिलावटी दूध के प्रयोग से लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं लेकिन विभाग द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने से मिलावट खोरों के हौसले बुलंद हैं। मिलावट खोरों द्वारा दूध में रिफाइंड, निरमा, सफेद पेंट सहित केमिकल, रिजेक्ट एक्सपायर दूध पाउडर मिलाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। डाक्टरों की मानें तो ¨सथेटिक, मिलावटी दूध के सेवन से लीवर, आंतों और आंखों की रोशनी जैसी प्राणघातक बीमारियों का होना बताया जाता है। फिर भी रसद एवं खाद्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यह धंधा नगर सहित ग्राम कुंजपुरा, धरवार, दुर्गापुर, भीखनपुरा, सिरसा, मोहब्बत पुर, कचौरा आदि अनेक दर्जनों ग्रामों के लोग कर रहे हैं जो मानव जीवन के साथ खुलेआम खिलवाड़ करते नजर आ रहे। अधिकांश दूधिया मिलावटी दूध का धंधा कर रहे हैं। दूध में यूरिया, वॉ¨शग पाउडर, रिफाइंड, कपड़ा धोने वाला ईजी, ह्वाइट केमिकल पाउडर के अलावा स्वाद के मुताबिक चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इन सामग्री को किसी अलग बर्तन में मिक्स किया जाता है। जो मक्खन की तरह का बन जाता है। इसके बाद इसे पानी में मिलाकर इस तरह से दूध की मात्रा बढ़ाकर खुलेआम जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

मिलावट की मात्रा : 10 किलो दूध में लगभग 60 किलोग्राम पानी मिलाते हैं। जिसमें लगभग तीन किलोग्राम रिफाइंड, करीब 150 ग्राम ईजी पाउडर एक किलोग्राम सफेद केमिकल, यूरिया, चीनी के अलावा एक्सपायर, रिजेक्ट मिल्क पाउडर भी मिलाया जा रहा है। नाम नही बताने पर एक दूधिया व सूत्रों ने बताया कि रिफाइंड दूध का सैंपल अच्छा देता है। डेयरी पर ऐसे दूध का 50 रुपये प्रति किलोग्राम का रेट मिल जाता है। इस दूध में ईजी पावडर को इसलिए मिलाया जाता है कि यह रिफाइंड को दूध में घोल देता है और चिकनाई को ऊपर नहीं आने देता। सफेद रंग का केमिकल दूध को गाढ़ा करने में काम आता है। इसके अलावा चीनी स्पेशल दूध में होने वाली मिठास को बरकरार रखने के लिए मिलाई जाती है। इसके अलावा यूरिया मिलाने से भी दूध का सेंपल व फेट अच्छा आता है।

कैसे करें पहचान : मिलावटी दूध को कच्चा पीने से मिलावट का अहसास होता है। रिफाइंड मिले हुए दूध में हाथ देने से हाथ अधिक चिकना हो जाता है और चिकनाई हाथ में ऊपर की ओर चढ़ने लगती है। इसके अलावा दूध में हाथ देने पर सफेद नहीं होता क्योंकि रिफाइंड की चिकनाई दूध को हाथ पर नहीं लगने देती।

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