ताखा के कस्तूरबा गांधी विद्यालय की 12 छात्राएं चेचक की चपेट में

संवाद सूत्र ऊसराहार (इटावा) ताखा के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जल निकासी न

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 10:47 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 10:47 PM (IST)
ताखा के कस्तूरबा गांधी विद्यालय  की 12 छात्राएं चेचक की चपेट में
ताखा के कस्तूरबा गांधी विद्यालय की 12 छात्राएं चेचक की चपेट में

संवाद सूत्र, ऊसराहार (इटावा) : ताखा के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जल निकासी न होने से 12 बालिकाएं चेचक की चपेट में आ गई थी। सभी को अभिभावक घर ले गई जहां पर इनका इलाज किया जा रह है।

जलनिकासी सहित अन्य स्वच्छता के नियमों का पालन न होने के कारण ही विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा छह की 12 छात्राओं को होली से पूर्व चेचक की बीमारी ने चपेट में ले लिया था। इलाज के अभाव में अभिभावक छात्राओं को घर पर इलाज के लिए ले गए। बालिकाओं के बीमारी की चपेट में आने को लेकर हाल ही में निरीक्षण पर आए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय के वरिष्ठ सलाहकार डीबी शर्मा ने कड़ी नाराजगी शिक्षा अधिकारियों पर जताई। साथ ही उन्होंने विद्यालय में कम नामांकन होने पर भी सवाल उठाए थे कि आखिर सौ की संख्या वाले विद्यालय में बालिकाओं की संख्या कम क्यों है।

प्रभारी होस्टल वार्डन अरूणा दीक्षित ने बताया कि होली के पूर्व 15 बालिकाओं को चेचक ने चपेट में लिया था। अभिभावकों द्वारा घरों पर इलाज के लिए कहने पर उनके साथ भेज दिया गया।

नौ लाख से लगाए गए सोलर पैनल हुए खराब : विद्यालय में न तो जल निकासी की व्यवस्था है और न ही निर्बाध विद्युत आपूर्ति की। दो वर्ष पूर्व नौ लाख रुपये की लागत से लगाए गए सोलर पैनल सिस्टम वर्ष भर से खराब पड़े हुए हैं। इन्हें आज तक सही नहीं कराया गया है। इसके साथ ही दो सोलर लाइट भी खराब पड़ी हुई है। ऐसे में बालिकाओं को बिजली जाने के बाद अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ता है।

मात्र 85 बालिकाओं ने लिया दाखिला : अभिभावकों का भी विद्यालय से मोह भंग हो रहा है। इस सत्र में 100 बालिकाओं के स्थान पर 85 बालिकाओं ने ही दाखिला लिया है।

एक वर्ष से हॉस्टल वार्डन का पद खाली : विद्यालय में आधे अधूरे स्टाफ के साथ बालिकाओं को शिक्षा दी जा रही है। नियमानुसार यहां एक हॉस्टल वार्डन चार फुलटाइम शिक्षिकाएं, तीन पार्ट टाइम शिक्षिकाएं, एक लेखाकार तीन रसोईया के पद होते हैं। परंतु इस विद्यालय में एक वर्ष से होस्टल वार्डन का पद खाली है। जबकि तीन फुलटाइम शिक्षिकाएं हैं इनमें भी एक को हॉस्टल वार्डन की जिम्मेदारी है जबकि पार्टटाइम में भी दो ही शिक्षिकाएं हैं यही नहीं कंप्यूटर इतिहास और संगीत की शिक्षा के लिए कोई शिक्षिका यहां तैनात नहीं है। बालिका शिक्षा समन्वयक के प्रभारी विकास सक्सेना ने बताया कि उन्हें हाल ही में यह प्रभार मिला है। आचार संहिता के बाद खाली पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा।

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