बर्खास्तगी के विरोध में भड़के सफाईकर्मी, बेमियादी हड़ताल

जागरण संवाददाता, एटा: बर्खास्तगी को लेकर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी भड़क गए हैं। गुरुवार को सभी स्थायी व अस्थायी कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए। काम बंद कर नगर पालिका परिसर में धरना देकर बैठ गए। कर्मचारियों की बहाली और अन्य मांगें पूरी न होने तक उन्होंने हड़ताल जारी रखने का एलान कर दिया है। उधर, हड़ताल के चलते पहले ही दिन शहर की सफाई व्यवस्था की हालत चरमरा गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 May 2018 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 10 May 2018 10:15 PM (IST)
बर्खास्तगी के विरोध में भड़के सफाईकर्मी, बेमियादी हड़ताल
बर्खास्तगी के विरोध में भड़के सफाईकर्मी, बेमियादी हड़ताल

जागरण संवाददाता, एटा: बर्खास्तगी को लेकर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी भड़क गए हैं। गुरुवार को सभी स्थायी व अस्थायी कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए। काम बंद कर नगर पालिका परिसर में धरना देकर बैठ गए। कर्मचारियों की बहाली और अन्य मांगें पूरी न होने तक उन्होंने हड़ताल जारी रखने का एलान कर दिया है। उधर, हड़ताल के चलते पहले ही दिन शहर की सफाई व्यवस्था की हालत चरमरा गई। कई स्थानों पर कूड़े के ढेर लग गए। गंदगी और इससे उठती दुर्गध से लोग परेशान रहे।

तीन दिन पहले पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी ने आदेश पारित किया था, जिसमें सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से रखे पांच सफाई कर्मचारियों की सेवा समाप्त की थी। इसमें उन्होंने निरीक्षण के दौरान गंदगी मिलने और कर्मचारियों के न पहुंचने की बात कही थी। दो दिन कर्मचारी शांतिपूर्वक उनकी बहाली की कोशिशें करते रहे। लेकिन सकारात्मक नतीजा न मिलने पर उन्होंने गुरुवार को हड़ताल का निर्णय ले लिया। उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के तत्वावधान में पालिका के सभी कर्मचारी पालिका परिसर में एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए। इनमें सफाई नायक भी शामिल थे। उनका आरोप था कि पूर्व में पालिकाध्यक्ष ने सेवा प्रदाता वाले 15 सफाई कर्मचारियों को हटाया था। अब पांच और हटा दिए हैं। कर्मचारी पहले से ही कम हैं, इस कार्रवाई से व्यवस्था प्रभावित होगी। वहीं यह कर्मचारियों के हित पर कुठाराघात है। बिना किसी नोटिस और स्पष्टीकरण के सीधे सेवा समाप्ति की कार्रवाई गलत है। जिलाध्यक्ष मुकेश पहलवान और जिला मंत्री बालकपूर ने कहा कि निष्कासित कर्मचारियों की बहाली के साथ ही कर्मचारी हित में 14 मांगे हैं। जिन्हें माने जाने पर ही हड़ताल खत्म की जाएगी।

सुबह के समय कुछ गली-मुहल्लों में तो सफाईकर्मी पहुंचे। जहां से निकला कूड़ा डलावघरों पर पहुंच गया। लेकिन कुछ समय बाद जैसे ही हड़ताल की सूचना फैली, कर्मचारी काम छोड़कर चले गए। इसका अधिक असर डलावघरों पर नजर आया। वहां एकत्रित हुआ कूड़ा सड़क पर बुरी तरह बिखरता रहा। साथ ही शाम तक इससे काफी दुर्गंध फैलने लगी। जिसके चलते आसपास के लोगों और राहगीरों का सांस लेना मुहाल रहा। ठंडी सड़क, कटरा मुहल्ला, आगरा रोड, जीटी रोड पर जिला अस्पताल के बाहर, एटा क्लब के पास आदि स्थानों पर बने डलावघरों पर कूड़े के ढेर लगे नजर आए। लोगों का कहना था कि हड़ताल दो-चार दिन ¨खची तो सड़क से गुजरा और सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। पालिका की आपसी लड़ाई का खामियाजा शहर को भुगतना पड़ा रहा है।

ये हैं प्रमुख मांगें

- हटाए गए सभी कर्मचारियों की बहाली

- संविदा कर्मियों को वेतन में बढ़ी धनराशि का भुगतान

- बढ़ी आबादी के मुताबिक 250 कर्मचारी रखे जाएं

- सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान और बीमा दिलाया जाए

- सातवें वेतनमान का एरियर जल्द दिलाया जाए

- कर्मचारियों को मेडिकल जांच व अन्य चिकित्सा सेवाएं सेवाएं दी जाएं

- सभासदों द्वारा कर्मचारियों से अभद्रता व अचानक वेतन कटौती रोकी जाए

- सफाई कर्मियों को सफाई संबंधी सभी संसाधन उपलब्ध कराएं जाएं

chat bot
आपका साथी