बदला लेने को हुई थी पूर्व प्रधान की हत्या

By Edited By: Publish:Sun, 31 Aug 2014 10:40 PM (IST) Updated:Sun, 31 Aug 2014 10:40 PM (IST)
बदला लेने को हुई थी पूर्व प्रधान की हत्या

जागरण संवाददाता, एटा: डेढ़ माह पूर्व सकीट में पूर्व प्रधान की सनसनीखेज हत्या बदला लेने के लिए की गई थी। बीच सड़क पर गोलियों से भूनने वाले हत्यारोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकांड में शामिल पिता-पुत्रों समेत चार अन्य की तलाश में पुलिस की टीम दबिशें दे रही है।

ग्यारह जुलाई को दोपहर सकीट से बाइक द्वारा घर लौटते समय करीमपुर के पूर्व प्रधान बालाचरन यादव को सकीट-औंछा मार्ग पर स्थित ग्राम जहांगीराबाद मोड़ पर गोलियों से भून दिया था। उन्हें छह गोलियां मारी गई थीं। हत्या की रिपोर्ट तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी।

सीओ सकीट करन सिंह ने बताया कि जांच में हत्यारे का नाम सामने आने के बाद पुलिस तलाश कर रही थी। रविवार सुबह एसओ सकीट जसवीर सिंह ने मुख्य हत्यारोपी जितेंद्र पुत्र तालेवर को गिरफ्तार कर लिया।

मुख्य आरोपी ने पुलिस को बताया कि पूर्व प्रधान बालाचरन यादव दबंग था। उसने उसके भाई देवेश और चचेरे भाई प्रो. हरवेश सिंह की हत्या कर दी थी। इसके बाद पिछले वर्ष बालाचरन ने उसे भी घेरकर हत्या का प्रयास किया था, लेकिन वह बच गया। पूर्व प्रधान की दबंगई के कारण उसे परिजनों समेत गांव से पलायन करना पड़ा था। खून का बदला लेने के लिए उसने पूर्व प्रधान को मौत के घाट उतार दिया।

सीओ ने बताया कि हत्याकांड में जितेन्द्र का भाई यतेन्द्र और गांव के ही राजपाल, उसके पुत्र उदयवीर व श्यामवीर भी शामिल था। जल्दी ही फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

राजपाल को भी थी मौके की तलाश

सीओ सकीट ने बताया कि पूर्व प्रधान बालाचरन की दबंगई से गांव का राजपाल भी परेशान था। वारदात से दो दिन पूर्व बालाचरन ने राजपाल के परिवार की महिला के साथ अभद्रता की थी। जिसका विरोध करने पर नशे में धुत होकर बालाचरन ने जमकर फायरिंग की गई थी। पूर्व प्रधान की इस हरकत से परेशान राजपाल को भी मौके की तलाश थी। लिहाजा मुख्य आरोपी जितेन्द्र की पूर्व प्रधान की रास्ते से हटाने की योजना में वह भी अपने दो पुत्र श्यामवीर व उदयवीर के साथ शामिल हो गया था।

पिता-पुत्र ने की थी रेकी

एसओ सकीट ने बताया कि सकीट से बीयर पीकर घर के लिए बाइक से चलते ही वहां मौजूद राजपाल और उसके पुत्र श्यामवीर ने रेकी की थी। मुख्य आरोपी जितेन्द्र अपने भाई यतेन्द्र और उदयवीर के साथ रास्ते में खड़ा था। मोबाइल फोन पर दोनों के सकीट से निकलते ही प्रतिशोध की आग में जल रहा जितेंद्र, यतेंद्र और उदयवीर ने ताबड़तोड़ छह गोलियां मारकर बालाचरन को मौत के घाट उतार दिया था।

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