गर्भवती महिला बंदियों के लिए जेल में है खास इंतजाम

देवरिया जिला कारागार में बंद हैं दो गर्भवती महिलाएं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Jun 2020 06:28 AM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2020 06:28 AM (IST)
गर्भवती महिला बंदियों के लिए जेल में है खास इंतजाम
गर्भवती महिला बंदियों के लिए जेल में है खास इंतजाम

देवरिया: कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा गर्भवती महिलाओं को है। ऐसी महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में उन महिलाओं पर खास ध्यान देने की जरूरत है जो जेल में हैं। जिला कारागार में दो गर्भवती महिलाएं बंद हैं। इनके लिए जेल प्रशासन ने खास इंतजाम किया है। इनके खाने-पीने व दवा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

यह दोनों महिला बंदी जेल में 24 मार्च के पहले आई थीं। इनके प्रसव का समय नजदीक है। दो दिन पूर्व चिकित्सकों की टीम ने जेल में उनका टीकाकरण किया तथा दवाएं दीं। इन महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी जेल प्रशासन हर दिन कैप्सूल व अन्य दवाएं उपलब्ध करा रहा है। क्षमता से तीन गुना हैं बंदी

जिला कारागार में देवरिया के अलावा कुशीनगर के भी बंदी रखे जाते हैं। कारागार की क्षमता 533 बंदी की है, लेकिन इस समय क्षमता से तीन गुना 1500 बंदी हैं। क्षमता से ज्यादा बंदियों की संख्या होने के कारण सुरक्षा इंतजाम भी बेहतर नहीं है। यहां बंदी रक्षकों की संख्या मानक के अनुसार लगभग डेढ़ सौ होनी चाहिए, जबकि यहां बंदी रक्षकों की तैनाती 533 के हिसाब से है। जब कोई दिक्कत यहां उत्पन्न होती है तो बाहर से फोर्स मंगानी पड़ती है। कोई बड़ा अपराधी बंद होता है तो बंदी रक्षकों की कमी के चलते पुलिस लाइन से फोर्स मंगानी पड़ती है। बिना अपराध के सजा काट रहे हैं आठ मासूम

जेल में आठ ऐसे भी मासूम हैं जो बिना किसी गुनाह के सजा काट रहे हैं। देवरिया के चार व कुशीनगर जनपद के चार मासूम ऐसे हैं, जो अपनी मां व दादी के साथ जिला कारागार में रह रहे हैं। इनकी शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था जेल प्रशासन ने की है। दो बंदी महिलाएं गर्भवती हैं, उनकी देखभाल जेल प्रशासन द्वारा की जा रही है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं दी जा रही है। हर 15 दिन पर इनकी थर्मल स्क्रीनिग कराई जाती है। यहां बंदियों की संख्या क्षमता से अधिक है। कुशीनगर में जेल बनने के बाद कुछ भार हल्का हो जाएगा।

केपी त्रिपाठी

जेल अधीक्षक

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