पर्यवेक्षक के सामने भिंड़े सपाई, हाथापाई, गाली-गलौज

जागरण संवाददाता, देवरिया : प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के पर्यवेक्षक श्रीप्रकाश

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 06:04 PM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 06:04 PM (IST)
पर्यवेक्षक के सामने भिंड़े सपाई, हाथापाई, गाली-गलौज

जागरण संवाददाता, देवरिया : प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के पर्यवेक्षक श्रीप्रकाश राय उर्फ लल्लन राय बुधवार को भाटपाररानी के बीआरडी इण्टर कालेज पहुंचे। सपा कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे हाल में अल्प संबोधन के बाद बंद कमरे में एक-एक कर समस्या बताने को कहा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता शिकायत लिखित दें, जिससे शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा। वे जैसे ही कमरे में पहुंचे, गेट पर दो गुट आमने-सामने हो गए। विवाद शुरू हो गया। मामला गाली-गलौज व हाथापाई तक जा पहुंचा। विधायक आशुतोष उपाध्याय, पूर्व विधायक रुद्रप्रताप सिंह, योगेंद्र सिंह सेंगर, स्वामीनाथ यादव व जिलाध्यक्ष रामइकबाल ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया।

हाल में पर्यवेक्षक श्री राय ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व.कामेश्वर उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र समाजवादियों का गढ़ रहा है। यहां की जनता हमेशा समाजवादियों को चुनती रही है और आगे भी चुनती रहेगी। जैसे ही कतारबद्ध लोग अपनी बात कहने के लिए दरवाजे पर खड़े हुए। एक गुट के लोग पर्यवेक्षक पर एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगाकर हो-हल्ला करते हुए भिड़ गए। शोर सुन पर्यवेक्षक व सभी विधायक, पूर्व विधायक बाहर निकले और कार्यकर्ताओं को शांत कराया। विधायक आशुतोष उपाध्याय द्वारा कार्यक्रम स्थल से चले जाने की धमकी के बाद कार्यकर्ता माने। दो घंटे विद्यालय परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस बल भी बुलाया गया। इस दौरान वरिष्ठ सपा नेता पूर्व सांसद बालेश्वर यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष गेंनालाल यादव, ओपी यादव, रामप्यारे यादव, बाबूलाल यादव, श्यामदेव यादव, अरविंद सहाय, लक्ष्मण सिंह कुशवाहा, रामबली यादव, अशोक यादव, रामायन यादव, व्यास यादव, जितेन्द्र उपाध्याय, चंदन यादव, बिट्टू चतुर्वेदी, आनंदलाल यादव, राजू सिंह, गुलाब जायसवाल, संजय कुशवाहा, सुनील यादव आदि मौजूद रहे।

मुलायम सिंह के नाम पूर्व विधायक ने लिखी पाती

पूर्व विधायक रुद्रप्रताप सिंह ने अपना शिकायती पत्र जागरण से साझा किया। उन्होंने बताया कि यह सब देखकर मेरा कलेजा फट रहा है। क्या यही समाजवाद का अनुशासन है, इन्हें पहले अनुशासन का पाठ पढ़ाना होगा। जब हम अपने में लडे़गे तो दूसरों को क्या संदेश देंगे। मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा है और पर्यवेक्षक से आग्रह किया है कि इसे जरूर पहुंचा दीजिएगा। लिखा है नजर में नजर, दिल दिया आपकी नजर, नजरिया नजर है, नजर ही नजर है।

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