बीमार पिता की रास्ते में मौत, बेटा बोला-कीचड़ में फंसी बैलगाड़ी

संवाद सहयोगी मानिकपुर (चित्रकूट) क्षेत्र के मिश्रनपुरवा गांव से बीते रविवार अस्पताल ले जाते स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Jan 2022 10:27 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jan 2022 10:27 PM (IST)
बीमार पिता की रास्ते में मौत, बेटा बोला-कीचड़ में फंसी बैलगाड़ी
बीमार पिता की रास्ते में मौत, बेटा बोला-कीचड़ में फंसी बैलगाड़ी

संवाद सहयोगी, मानिकपुर (चित्रकूट) : क्षेत्र के मिश्रनपुरवा गांव से बीते रविवार अस्पताल ले जाते समय रास्ते में पिता की मौत हो गई। बेटे का आरोप है कि गांव से मुख्य सड़क तक डेढ़ किलोमीटर की पगडंडी में बारिश के कारण कीचड़ होने से बैलगाड़ी फंस गई। इससे पिता ने दम तोड़ दिया। गुरुवार को बैलगाड़ी को धक्का लगाते बेटे का फोटो वायरल होने पर घटना सामने आई। हालांकि, दैनिक जागरण ऐसे किसी वायरल फोटो की पुष्टि नहीं करता है।

मानिकपुर तहसील क्षेत्र में जंगल के बीच बसे मिश्रनपुरवा गांव में छह घर हैं। इनमें दो ब्राह्माण व चार अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं। यहां के निवासी 60 वर्षीय प्रीतम सांस रोगी थे। बीते रविवार को उनकी मौत हो गई। बेटा राममूरत के मुताबिक, जोरदार बारिश के बीच उनकी तबीयत बिगड़ गई। रामनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाने के लिए निकला। पगडंडी में बारिश के कारण कीचड़ के बीच बैलगाड़ी फंस गई। अस्पताल पहुंचते उसके पहले रास्ते में पिता की मौत हो गई। वहीं, उनके चचेरे भाई रामचंद्र का कहना है कि उनके पुरवा में एंबुलेंस आती नहीं है। इसलिए चाचा के इलाज को बोलेरो बुलाई गई थी, जो अगरहुड़ा के पास खड़ी थी। चाचा को बैलगाड़ी में लिटाकर सुबह नौ बजे बोलेरो तक ले गए। जैसे ही उनको बोलेरो में चढ़ाने का प्रयास किया तो उनकी मौत हो गई।

ग्राम प्रधान रानू देवी के बेटे अजय के मुताबिक, उनका गांव 10 साल से चकबंदी की प्रक्रिया में है। इसलिए सड़क नहीं बन पाई। रास्ते में तमाम किसानों ने फसल बो रखी है, जिससे दिक्कत है। मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किलोमीटर तक लोग पगडंडी से आते-जाते हैं। इसलिए लोग चारपाई या बैलगाड़ी से मरीज ले जाते हैं। मानिकपुर ब्लाक के खंड विकास अधिकारी सुनील सिंह ने बताया कि चरहदा गांव में चकबंदी चल रही है। इससे अभी चकरोड फाइनल नहीं हो पाए हैं। इसीलिए यह सड़क भी नहीं बनी है। जल्द समस्या दूर की जाएगी।

chat bot
आपका साथी