रजिया को मिले सम्मान से उछले खिलाड़ी

बिजनौर: नेहरू स्टेडियम में हाकी का ककहरा सीख कर बिजनौर का नाम देश में रोशन करने वाली भारतीय हाकी टीम

By Edited By: Publish:Tue, 25 Aug 2015 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2015 10:54 PM (IST)
रजिया को मिले सम्मान से उछले खिलाड़ी

बिजनौर: नेहरू स्टेडियम में हाकी का ककहरा सीख कर बिजनौर का नाम देश में रोशन करने वाली भारतीय हाकी टीम की पूर्व कप्तान रजिया जैदी को प्रदेश सरकार ने महिला वर्ग के सबसे बडे़ खेल पुरस्कार की रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा से खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

नगर के प्रतिष्ठित एडवोकेट खर्शीद मोहसिन जैदी एवं हाकी खिलाड़ी मुजफ्फर जैदी की बहन रजिया जैदी ने खेल का ककहरा नेहरू स्टेडियम में सीखा। वर्तमान में लखनऊ में रेलवे में कार्यरत रजिया जैदी ने वर्ष 1980 से 1990 तक देश के लिए हाकी खेली। वर्ष 1980 वह मास्को में आयोजित ओलम्पिक खेले चुकी है। उन्होंने वर्ष 1982 में एशियन खेल में गोलकीपर की भूमिका निभाई और नम्बर वन बनी। भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। 1986 में कोरिया में आयोजित एशियन गेम्स खेला, 1988 में पौलेंड में आयोजित एशियन गेम्स में टीम की कप्तानी करते हुए प्रोडेंशियलल कप जीता। 1987 में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल गोल्डकप भी रजिया जैदी की कपतानी में ही जीता गया। उन्होंन 1985 में अर्जेनटीना में आयोजित कोंटीनेटरी कप में भी प्रतिभाग किया। इतनी उपलब्धियों के बावजूद बेहद विनम्र रजिया जैदी को देरी से रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार मिलने का कोई मलाल नहीं है। उन्हें मुख्यमंत्री खेल दिवस के मौके पर 29 अगस्त का पुरस्कृत करेंगे। रजिया जैदी को पुरस्कृत किए जाने की घोषणा से खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई। रजिया जैदी ने फोन पर बताया कि वह पुरस्कार की घोषणा से खुश है। खिलाड़ियों को चाहिए कि वह चकाचौंध से दूर रहकर अपना प्रयास जारी रखे, सफलता अवश्य ही मिलेंगी। जिला क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र यादव का कहना है कि उनके सम्मान से खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उनकी प्रेरणा कई और खिलाड़ी देश का नाम रोशन करेंगें। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी निकटवर्ती ग्राम तरीकमपुर बादशाह निवासी नौकायन खिलाड़ी मुनसैदी खातून को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। भाई खुर्शीद मोहसिन जैदी एवं मुजफ्फर जैदी का कहना है कि रजिया जैदी को खेल का प्रतिष्ठित रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार कई वर्ष पहले ही मिलना चाहिए था। वह प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत करते है।

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