यहां आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी, खतरे में जिदगी

गुजरात के सूरत शहर में कोचिग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद यहां भले ही प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम की पड़ताल शुरू कर दी है लेकिन सच तो यह है कि यदि यहां आग लगने की कोई घटना हुई तो बड़ी तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां हर दिन लोगों की जिदगी खतरे में रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 11:04 PM (IST)
यहां आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी, खतरे में जिदगी
यहां आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी, खतरे में जिदगी

बस्ती : गुजरात के सूरत शहर में कोचिग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद यहां भले ही प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम की पड़ताल शुरू कर दी है लेकिन सच तो यह है कि यदि यहां आग लगने की कोई घटना हुई तो बड़ी तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां हर दिन लोगों की जिदगी खतरे में रहती है। बाजार में बहुमंजिली इमारतें हों या फिर सरकारी संस्थान आग से बचाव के इंतजाम फेल हो चुके हैं। हालत यह है कि जलकल के नलकूप से अग्निशमन वाहन में सीधे पानी भरने की कोई व्यवस्था नहीं है।

शहर के सर्वाधिक भीड़ वाले बाजार गांधीनगर पक्के बाजार में आग से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। बाजार में दर्जन भर से अधिक बहुमंजिली इमारतें ऐसी हैं जहां आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी हैं। इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में किसी आपात स्थिति से निकलने के लिए एक या दो ही दरवाजे हैं। यदि कोई घटना हो जाए तो लोग प्रतिष्ठान से निकल नहीं पाएंगे। गांधीनगर में लगा फायर हाईडेंट अतिक्रमण की चपेट में आकर गुम हो चुका है। यही हाल महिला अस्पताल के सामने स्थित फायर हाईडेंट का है। पुरानी बस्ती क्षेत्र की सघन आबादी वाला बाजार भी आग से सुरक्षित नहीं हैं। बड़े-बड़े संस्थानों, माल, कोचिग सेंटर, मुख्य बाजार में आग से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकारी संस्थानों में भी आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं है।

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जिला अस्पताल का अग्निशमन यंत्र अधर में

चार करोड़ की लागत से जिला अस्पताल में आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र की स्थापना होनी है। यह महज प्रस्तावित ही रह गया है। लंबे समय से कार्य अधर में है। कार्यदायी संस्था को 2 करोड़ रुपये की प्रथम किस्त का भुगतान भी हो चुका है।

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कैली में फायर सिस्टम को लगी जंग

ओपेक चिकित्सालय कैली में स्थापित फायर सिस्टम देखरेख के अभाव में जंग खा रहा है। ज्यादातर उपकरण निष्प्रयोज्य हैं। जरूरत पड़ी तो यह निश्चित रूप से धोखा दे जाएंगे। यही हाल महिला अस्पताल और क्षय रोग अस्पताल का भी है।

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आग से बचाव के इंतजाम विभाग के पास हैं। रोडवेज से हर दिन पानी भरा जाता है। जहां दिक्कत हैं वहां व्यवस्था सुधार में सुधार किया जाएगा। बाजार में चल रहे माल, कोचिग सेंटर समेत अन्य संस्थानों को नोटिस दी गई है। जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट सामने होगी। अस्पतालों में भी व्यवस्था देखी गई है।

मंगेश कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

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