पढ़ाई और नौकरी की पहेली सुलझाएगा 'चैटबॉट'
बारहवीं कक्षा के बाद ऐसा कौन सा कोर्स किया जाए, जो बेहतर भविष्य की गारंटी देता हो।
जेएनएन, बरेली : बारहवीं कक्षा के बाद ऐसा कौन सा कोर्स किया जाए, जो बेहतर भविष्य की गारंटी देता हो? अगर ऐसा कोर्स मिल भी गया तो क्या आपमें उसे पूरा करने की क्षमता और योग्यता भी है? करियर चुनने की कशमकश में ऐसे ढेरों सवाल जेहन में उठना लाजिमी है। अक्सर करियर काउंसलर ही इस पहेली को सुलझाने के मददगार बनते हैं। ठीक इसी तरह नौकरीपेशा लोग भी जॉब बदलने, दूसरी कंपनी में जाने या तरक्की न होने पर किसी दूसरे विकल्प पर विचार की उलझन में रहते हैं। करियर की यह उलझन अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस दूर करने में मदद कर सकता है। इसके लिए बरेली के अंबर निगम ने एक चैटबॉट नामक सोशल साइट बनाई है। जिस पर प्रजेंटेशन देने के लिए उन्हें अमेरिका के कैलिफोर्निया में 30 जनवरी से होने जा रही इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन सेमॉनटिक कंप्यूटिंग से बुलावा आया है। यह कांफ्रेंस इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स की ओर से आयोजित की जा रही है।
ऐसे काम करेगा चैटबॉट
चैटबॉट करियर से जुड़ी साइट है। यूजर को इस पर अपना एकाउंट बनाना होगा। इसके बाद पढ़ाई या नौकरी से जुड़ी जो भी जानकारी लेना चाहेंगे, चैटबॉट जवाब देगा। मसलन, आप चाहते हैं कि इंटर के बाद इंजीनिय¨रग में किस ट्रेड में क्या संभावनाएं हैं। क्या आप उस कोर्स को करने की क्षमता रखते हैं। इसकी जानकारी के लिए चैटबॉट आपसे कुछ प्रश्न करेगा। आपको उनकी डिटेल भरनी होगी। इसके बाद चैटबॉट कोर्स और आपकी क्षमता दोनों बता देगा।
किस जॉब की है क्षमता
पढ़ाई के बाद आपमें कौन सी नौकरी करने की क्षमता है। उस क्षेत्र से जुड़ी किस कंपनी में नौकरी हैं। पढ़ाई की तरह की चैटबॉट यहां भी रुचि, पढ़ाई से जुड़े सवाल करेगा। इसके बाद किस क्षेत्र, कंपनी में नौकरी हैं, आपके लिए कहां बेहतर रहेगा। उसके अनुसार रिजल्ट प्रदर्शित कर देगा।
डाटा वैज्ञानिक का जमावाड़ा
अंबर निगम बताते हैं कि अमेरिका में तीन दिवसीय इस कांफ्रेंस में दुनिया भर के डाटा वैज्ञानिक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विशेषज्ञ जुटेंगे। मैं अमेरिका के प्रोफेसर लियू एंथनी के साथ मिलकर डाटा साइंस पर एक किताब भी लिख रहा हूं, जल्द ही यह प्रकाशित होगी।
कौन हैं अंबर निगम
अंबर निगम महानगर कॉलोनी के निवासी हैं। महज चार साल की उम्र में इनके माता-पिता का निधन हो गया था। बुआ मधु निगम और फूफा चमन सक्सेना ने परवरिश की। अंबर बताते हैं कि मैं बुआ-फूफा को मम्मी-पापा कहता हूं। मुझे कभी एहसास नहीं हुआ कि मेरे पैरेंट्स नहीं हैं। अंबर अभी गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में बेहतर पैकेज पर तैनात हैं। हार्टमैन से पढ़ाई के बाद उन्होंने एसआरएमएस से बीटेक किया था।