Chinmayanand Blackmailing Case: आरोपित छात्रा सहित भाजपा नेता नहीं हुए पेश, अन्य आरोपिताे को वापस भेजा जेल Shahjahanpur News

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित युवकों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में बुधवार को पेश किया गया।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 09:23 AM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 05:54 PM (IST)
Chinmayanand Blackmailing Case: आरोपित छात्रा सहित भाजपा नेता नहीं हुए पेश, अन्य आरोपिताे को वापस भेजा जेल Shahjahanpur News
Chinmayanand Blackmailing Case: आरोपित छात्रा सहित भाजपा नेता नहीं हुए पेश, अन्य आरोपिताे को वापस भेजा जेल Shahjahanpur News

जेएनएन, शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित युवकों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में बुधवार को पेश किया गया। जहां से तीनों को पत्रावली पर साइन कराकर वापस भेज दिया गया। हालांकि, आरोपित छात्रा व दोनों भाजपा नेता पेश नहीं हुए। अब सभी को छह जनवरी को कोर्ट में पेश होना होगा।

बुधवार दोपहर लगभग एक बजकर 50 मिनट पर छात्रा के दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह व सचिन सेंगर को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। वहां उन लोगों के पत्रावली पर साइन कराए गए, जिसके बाद तीनों को वापस जेल भेज दिया गया। तीनों युवक बीस सितंबर से जेल में बंद हैं। उन्हें सामान्य बंदियों की तरह जेल के वाहन से कोर्ट में लाया गया था।

कोर्ट नहीं पहुंची छात्रा, भेजा प्रार्थना पत्र 

चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा दोपहर तक कोर्ट में नहीं पहुंची। बताया जा रहा है कि छात्रा की ओर से कोर्ट में पेशी पर पहुंचने में असमर्थमता जताते हुए प्रार्थना पत्र भेजा गया था। उधर, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री व डीसीबी चेयरमैन डीपीएस राठौर व युवा मोर्चा के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह भी कोर्ट नहीं पहुंचे। जिस पर दोनों भाजपा नेता को कोर्ट की ओर से चौथी बार समन जारी किया गया। दोनों को एसआइटी ने चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाया है।

कोर्ट में जमा हुई जमानत के आदेश की कॉपी

चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित विक्रम सिंह व सचिन सेंगर की जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हो चुकी है। जिसके आदेश की कॉपी बुधवार को दोनों के वकील प्रमोद तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में जमा कर दी। सीजेएम ने एक-एक लाख रुपये की दो-दो जमानत तय कर दी हैं। अब जमानतदारों का सत्यापन कोर्ट की ओर से कराया जाएगा। तहसील व थाने से रिपोर्ट आने के बाद ही कोर्ट की ओर से रिहाई का परवाना जेल प्रशासन को भेजा जाएगा। इस औपचारिकता के पूरी होने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।  

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