राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है ¨हदी भाषा

बलरामपुर : जिले में ¨हदी दिवस की धूम रही। न्यायालय सभागार में जिला जज सर्वेश कुमार ने ¨हदी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 11:45 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 11:45 PM (IST)
राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है ¨हदी भाषा
राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है ¨हदी भाषा

बलरामपुर : जिले में ¨हदी दिवस की धूम रही। न्यायालय सभागार में जिला जज सर्वेश कुमार ने ¨हदी के महत्व के बारे में बताया। कहाकि ¨हदी सरल भाषा है। सभी को समझ में आती है। इसलिए इसका प्रयोग अधिक से अधिक किया जाए। स्कूलों में राष्ट्रीय एकता दिवस व गोष्ठी का आयोजन कर ¨हदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की बात वक्ताओं ने कही। सेंट जेवियर्स स्कूल में ¨हदी सेवी संस्थानों एवं ¨हदी विद्वानों को भाषादूत सम्मान 2018 से नवाजा गया। साथ ही छात्रों में ¨हदी विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता भी हुई।

सेंट जेवियर्स स्कूल में मुख्य अतिथि सदर विधायक पल्टूराम ने दीप प्रज्जवलित व प्राधानाचार्य डॉ.नितिन कुमार शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरूआत की। ¨हदी की उपयोगिता व ¨हदी का अधिकारिक कार्यों में प्रयोग विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जूनियर वर्ग में प्रथम अन्मया पांडेय, द्वतीय अनिरुद्ध पांडेय व अंशुमान मिश्र तीसरे स्थान पर रहे। विपक्ष में प्रथम बुशरा खान, द्वतीय मानस ¨सह व तृतीय स्थान कृष्णा खानचंदानी को मिला। सीनियर वर्ग में संयुक्त रूप से शांभवी मिश्र व अंकिता दूबे प्रथम स्थान पर रहीं। दूसरे पर अमन मौर्य व तीसरे स्थान पर यश ¨सह रहे। विपक्ष में प्रथम माहिम, द्वतीय वेद प्रकाश दूबे व तृतीय स्थान पर यश श्रीवास्तव रहे। ¨हदी भाषी समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को भाषा दूत सम्मान-2018 से सम्मनित किया। संचालन रिजवाना सिद्दीकी ने किया। एमएलके महाविद्यालय में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने सरकार से ¨हदी को राष्ट्रभाषा घोषित किये जाने की मांग की। प्राचार्य डॉ. आरबी श्रीवास्तव ने कहाकि ¨हदी अनुभूति की भाषा है। प्रत्येक व्यक्ति को बोलचाल में ¨हदी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। किसी भी राष्ट्र की भाषा उसकी अस्मिता होती है। संयोजक डॉ. नीरजा शुक्ला ने कहाकि ¨हदी को बनावटी आडंबरों से दूर रखने की आवश्यकता है। डॉ. प्रकाश चंद्र गिरि, डॉ. विमल वर्मा, डॉ. वीणा ¨सह, डॉ. आरके पांडेय, डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र, प्रखर त्रिपाठी, डॉ. अनामिका ¨सह ने अपनी बात कही। संचालन डॉ. चंद्रेश्वर पांडेय ने किया। डॉ. दिनेश मौर्य, डॉ.स्वदेश भट्ट, डॉ. देवेंद्र कुमार चौहान, डॉ. अजीत ¨सह, मणिका मिश्र, सीमा पांडेय, कृति श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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