झूठी शान ने ले ली बेकसूर की जान

बदायूं : उसावां के गांव बौरा में इश्क, मोहब्बत और नाक की लड़ाई ने तीन बेकसूर भाइयों पर वज्रपात कर दिय

By Edited By: Publish:Wed, 06 May 2015 11:54 PM (IST) Updated:Wed, 06 May 2015 11:54 PM (IST)
झूठी शान ने ले ली बेकसूर की जान

बदायूं : उसावां के गांव बौरा में इश्क, मोहब्बत और नाक की लड़ाई ने तीन बेकसूर भाइयों पर वज्रपात कर दिया। इस खूनी खेल ने वीरपाल की जान ले ली, जबकि गोली लगने से उसके दो सगे भाई सोहन लाल और प्रकाश की हालत नाजुक है।

वीरपाल और उसके दोनों घायल भाइयों का कसूर सिर्फ इतना था कि वह रावेंद्र के पिता के चचेरे भाई हैं। रावेंद्र और उसकी प्रेमिका के परिजनों के बीच बिगड़े हालातों को सामान्य करने के लिए प्रेमिका की तलाश में जुटे हुए थे। चर्चा है कि लड़की रावेंद्र से मिलने घर व खेतों की तरफ चली जाती थी। मंगलवार को भी लड़की मिलने उसके घर गई हुई थी। हालांकि लड़की बाद में स्वयं ही अपने घर लौट आयी। वहीं पुलिस के खौफ के चलते रावेंद्र दिल्ली चला गया तो हालात कुछ सामान्य हो गए और सोमवार को रावेंद्र फिर गांव लौट आया।

जब लड़की ने रावेन्द्र को अपने घर पर देखा तो वह परिजनों की इज्जत की परवाह किए बगैर उसके घर पहुंच गई। परिजनों की सूचना पर पुलिस लड़की की तलाश में जुट गई और परिवारी होने के नाते पुलिस ने वीरपाल, सोहन लाल और प्रकाश के घरों पर भी दबिशें दीं। उन्हें सुबह तक लड़की को किसी भी कीमत पर थाने पह ंचाने की बात कही। इस पर तीनों भाई रात भर रावेंद्र और लड़की को तलाशते रहे आ इसी दौरान लड़की पक्ष के लोगों में इज्जत की खातिर खून सवार हो गया और अनहोनी हो गई।

इंसेट

लड़की के चेहरे पर कोई शिकन नहीं

उसावां : सबकी निगाहें पुलिस अभिरक्षा में बैठी एक युवती पर टिकी हैं। जिसके चेहरे पर न कोई शिकन है और न ही कोई पछतावा। पुलिस अभिरक्षा में मौजूद रावेंद्र की प्रेमिका से इसी बीच एक पुलिस अधिकारी ने सवाल दागा कि क्या रावेंद्र तुम्हें जबरन ले गया था। उसने कहा नहीं मैं खुद ही उसके घर गई थी, मैं उससे बेहद प्यार करती हूं। इस खून खराबे में रावेंद्र और उसके परिजनों का कोई दोष नहीं है। रावेन्द्र और मैं एक साल से संपर्क में हैं।

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