वाई-फाई होगा राज्य पुस्तकालय और खुद की होगी वेबसाइट Prayagraj News

राज्य पुस्तकालय हाईटेक हो रहा है। जहां वाई-फाई की सुविधा होगी वहीं इसकी खुद की वेबसाइट भी होगी। शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। सदस्यों को पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 15 Jun 2019 11:56 AM (IST) Updated:Sat, 15 Jun 2019 11:56 AM (IST)
वाई-फाई होगा राज्य पुस्तकालय और खुद की होगी वेबसाइट Prayagraj News
वाई-फाई होगा राज्य पुस्तकालय और खुद की होगी वेबसाइट Prayagraj News

प्रयागराज, राजकुमार श्रीवास्तव। केंद्रीय राज्य पुस्तकालय प्रबंधन अपने सदस्यों की सुविधा के लिए पुस्तकालय को वाई-फाई करने के साथ खुद की वेबसाइट लांच करने की तैयारी में है। प्रत्येक महापुरुष की जीवनी के प्रचार-प्रसार के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। 

कैंपस को वाई-फाई करने के लिए लीज लाइन की हाईस्पीड कनेक्टिविटी भी 

इस पुस्तकालय के ज्यादातर सदस्य प्रतियोगी छात्र-छात्राएं हैं। उन्हें पुस्तकों, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के अध्ययन के लिए पुस्तकालय न आना पड़े, बल्कि उन्हें यह सुविधाएं घर बैठे मिले। इसके लिए प्रबंधन वेबसाइट लांच करने की तैयारी में है। वेबसाइट का संचालन सीधे एनआइसी से कराने की योजना है। कैंपस को वाई-फाई करने के लिए लीज लाइन की हाईस्पीड कनेक्टिविटी की भी कवायद चल रही है। 

दिव्यांग पाठकों के लिए अलग कक्ष होगा

गत दिनों लखनऊ में विशेष कार्याधिकारी (माध्यमिक शिक्षा विभाग) के नेतृत्व में हुई बैठक में उक्त दोनों बिंदुओं के अलावा दिव्यांग पाठकों के लिए अलग कक्ष बनवाने समेत कई अन्य प्रस्ताव दिए गए। स्वीकृति मिलने पर सदस्यों को प्रबंधन की ओर से पासवर्ड मुहैया कराया जाएगा, ताकि वे आवश्यकतानुसार सूचनाएं प्राप्त कर सकें। 

12489 हैं पुस्तकालय के सदस्य

इस पुस्तकालय के कुल 12489 सदस्य हैं और 99586 पुस्तकें एवं पत्रिकाएं हैं। इसमें ङ्क्षहदी की 44918, अंग्रेजी की 42026, बच्चों के लिए 13629 किताबें हैं। लाइब्रेरी को 232 किताबें आम लोगों से मिली हैैं। इन किताबों को ई-ग्रंथालय पर अपडेट करने का काम करीब एक साल से चल रहा है। 40671 किताबें अपलोड की जा चुकी हैं।

डेलनेट, सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क के सदस्य भी होंगे

बैठक में डेवलपिंग लाइब्रेरी नेटवर्क (डेलनेट) दिल्ली और सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (अहमदाबाद) का सदस्य बनने का भी सुझाव दिया गया। यह सुविधा मिलने पर उनका पूरा डाटा पुस्तकालय के सभी सदस्यों को उपलब्ध हो सकेगा। बैंक, एसएससी, सिविल सर्विसेज जैसी प्रतियोगी पुस्तकें मुहैया कराने के लिए भी सुझाव दिया गया है। 

बोले पुस्तकालयाध्यक्ष

पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव का कहना है कि ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर पर सभी पुस्तकें तीन-चार महीने में अपलोड हो जाएंगी। इसे एनआइसी से जोडऩे का प्रयास है। पुस्तकालय की वेबसाइट एनआइसी से जुडऩे से शुल्क कम देना पड़ेगा। 

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