रामलीला में शबरी के जूठे बेर खाकर मुस्कराए प्रभु राम तो दर्शक हुए निहाल

श्रीराम लीला कमेटी कटरा गुलाब सिंह द्वारा आयोजित राम लीला का मंचन लोग पसंद कर रहे हैं। सोमवार को शबरी प्रसंग की मंचीय प्रस्तुति गजब की रही। शबरी के जूठे बेर खाकर प्रभु मुस्कराए और यह संदेश दिया कि वह भाव के भूखे हैं मेवे के नहीं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 04:07 PM (IST)
रामलीला में शबरी के जूठे बेर खाकर मुस्कराए प्रभु राम तो दर्शक हुए निहाल
शबरी के जूठे बेर खाकर प्रभु मुस्कराए और यह संदेश दिया कि वह भाव के भूखे हैं मेवे के नहीं।

प्रतापगढ़, जेएनएन। तेजी से डिजिटल हो रहे इस दौर में भी गांव-गिरांव की रामलीलाओं का आकर्षण कम नहीं हुआ है। उसे देखने वाले अब भी बहुतायत में हैं। दमदार संवाद पर जयकारे लगाने वाले, ताली बजाने वाले दर्शक पहुंच रहे हैं। गांवों के कलाकार भी अपने रोल में जान डालने का प्रयास कर रहे हैं। नवरात्र व दशहरा बीत जाने के बाद भी कोरोना से बचने के नियमों का पालन करते हुए राम लीलाएं हो रही हैं। उसके मंच सज रहे हैं। हर मंच पर कोरोना से बचने को जागरूकता का संदेश भी दिया जाता है।

श्रीराम लीला कमेटी कटरा गुलाब सिंह द्वारा आयोजित राम लीला का मंचन लोग पसंद कर रहे हैं। सोमवार को शबरी प्रसंग की मंचीय प्रस्तुति गजब की रही। शबरी के जूठे बेर खाकर प्रभु मुस्कराए और यह संदेश दिया कि वह भाव के भूखे हैं मेवे के नहीं। मंचन देख दर्शक भाव-विभोर हो गए। कलाकारों का हौसला बढ़ाने को प्रधानाचार्य लालता प्रसाद पांडेय, जग नारायण वैश्य, चंदन सिंह, शैलू जायसवाल, महेंद्र अग्रहरि, घनश्याम अग्रहरि, राहुल यादव, प्रसून अग्रहरि, बटुक अग्रहरि, कमलेश वैश्य आदि मौजूद रहे।

शिव धनुष के टूटते ही परशुराम आग बबूला

आदर्श रामलीला समिति सराय आना देव में मंचित रामलीला के तीसरे दिन सीता जी द्वारा भगवान शिव के धनुष को उठाकर रखने का ²श्य रहा। इसके बाद राजा जनक द्वारा उस धनुष को उठाने वाले के साथ ही सीता के विवाह का प्रण करने और सीता स्वयंवर के रोमांचकारी ²श्य का कलाकारों के माध्यम से बेहतरीन मंचन किया गया। भगवान श्रीराम के हाथ से धनुष टूटने के बाद परशुराम के क्रोध और लक्ष्मण का कटाक्ष दर्शकों को  रोमांचित कर गया। फिर विवाह और भगवान श्रीराम के राजतिलक का मंचन आकर्षक रहा। समिति की ओर से गठित टीम द्वारा सैनिटाइजर, मास्क लगाकर आने व दूर-दूर बैठने को कहा जाता रहा। समिति के अध्यक्ष प्रधान सराय आना देव ने बताया कि यह 73 वर्षो की परंपरा है। कोरोना का मुकाबला करते हुए कलाकारों ने अल्प समय में ही मंचन की तैयारी की है।

शिव पार्वती संवाद पर मुग्ध हुए लोग

इसी प्रकार अवध रामलीला समीति चमरूपुर शुक्लान की भी रामलीला शुरू हो गई है। 21वें साल इसका शुभारंभ भाजपा मंण्डल अध्यक्ष जय भगवान पांडेय ने भगवान शंकर व माता पार्वती की आरती करके की। समिति के संरक्षक विनोद कुमार ओझा के चित्र पर माल्यार्पण किया। रामलीला के प्रथम दिवस में शिव पार्वती संवाद समेत दृश्य दिखाए गए। कलाकारों में पवन कुमार शुक्ल गोलू, बद्रीनाथ मिश्र, आशीष मिश्र, मोनू, राम मनोहर पाल, सदा शिव विश्वकर्मा, प्रकाश सोनी ने अभिनय किया।

हनुमान जी ने लंका में लगाई आग

नवरात्र में ग्राम पंचायत कोटवा शुकुलपुर में हुई राम लीला में श्रद्धालु मंचन तथा भजन व संकीर्तन पर मंत्रमुग्ध दिखे। मुंबई से आए एवं ग्रामीण कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला में धनुष यज्ञ, लक्ष्मण शक्ति, लंका दहन, के बाद राम रावण युद्ध के प्रसंग खासे मनमोहक रहे। मंचन में राम के पात्र में दिलीप कुमार, लक्ष्मण के पात्र में सोनू, रावण के रूप में मुन्ना यादव, लव के रूप में किशन मिश्रा, कुश के रूप में मुकुंद मिश्रा सराहे गए। संयोजन पूर्व प्रधान आदर्श मिश्र ने किया। व्यास जेपी विश्वकर्मा रहे। समिति ने कलाकारों को सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया।

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