Phaphamau Family murder: पुलिस की उदासीनता से पति-पत्नी समेत चार का हुआ कत्ल

29 सितंबर 2021 को पीड़ित पक्ष की एक महिला ने पुलिस को तहरीर देते हुए आकाश सिंह पक्ष के कई लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने धमकी देने समेत अन्य आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के पक्ष द्वारा यह दूसरा मुकदमा लिखवाया गया था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:00 AM (IST)
Phaphamau Family murder: पुलिस की उदासीनता से पति-पत्नी समेत चार का हुआ कत्ल
2019 में पड़ी थी इस विवाद की नींव, दर्ज कराया था पहला केस

राजेंद्र यादव, प्रयागराज। फाफामऊ थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज सामूहिक कत्ल के पीछे आबादी की जमीन का विवाद बताया जा रहा है। वर्षों पहले शुरू हुए इस विवाद की नींव 2019 में पड़ी थी। मृत शख्स के पक्ष ने आकाश सिंह के घरवालों के खिलाफ मारपीट, धमकी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद विवाद थोड़े समय के लिए थमा रखा, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनातनी बनी रही।

शुरू से पुलिस की भूमिका रही बेहद उदासीन

29 सितंबर 2021 को पीड़ित पक्ष की एक महिला ने पुलिस को तहरीर देते हुए आकाश सिंह पक्ष के कई लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने, धमकी देने समेत अन्य आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के पक्ष द्वारा यह दूसरा मुकदमा लिखवाया गया था। तीन-चार दिन बाद दूसरे पक्ष की बबली सिंह ने तहरीर देकर क्रास रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कई लोगों को आरोपित बनाया गया था। हालांकि, परिवार के मुखिया को नामजद नहीं किया गया था। इस पर पीड़ित पक्ष के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाते हुए दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप जड़ा था। साथ ही पुलिस पर कार्रवाई न करने का भी आराेप लगाया था। गुरुवार को घटना के बाद मृतक के भाइयों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस ने शुरू से ही मामले में लापरवाही बरती। चकरोड पर आकाश सिंह पक्ष के लोग कब्जा करते रहे। निर्माण कार्य कराते रहे। एसडीएम ने भी फाफामऊ पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। उल्टा उनको ही फटकार मिलती रही। साफ कहा कि चार लोगों की हत्या पुलिस की ही लापरवाही का नतीजा है।

बीए में पढ़ती थी किशोरी, मूकबधिर था पुत्र

मारे गए परिवार की मुखिया की पुत्री ने बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। वह पढ़ने में मेधावी थी, लेकिन उसका पुत्र मूकबधिर था। इसे लेकर उसके माता-पिता हमेशा दुखी रहते थे, लेकिन उसे कभी यह अहसास नहीं होने देते थे कि वह मूकबधिर है।

न्यायालय में चल रहा विवाद

आबादी की जिस जमीन को लेकर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा है, उस पर आरोपित पक्ष काबिज है। पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि आबादी की जमीन पर उनका पट्टा हुआ है, लेकिन आरोपितों ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है। चकरोड की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है, जिससे आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है। आबादी की जमीन को लेकर न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है।

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