महिला संबंधी मामले की विवेचना में लापरवाही पर गिरेगी गाज

महिला संबंधी अपराध की विवेचना में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरनी तय है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 08:02 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 08:02 PM (IST)
महिला संबंधी मामले की विवेचना में लापरवाही पर गिरेगी गाज
महिला संबंधी मामले की विवेचना में लापरवाही पर गिरेगी गाज

जासं, प्रयागराज : महिला संबंधी अपराध की विवेचना में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरनी तय है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कड़ा रुख अपनाते हुए मातहतों को सख्त निर्देश दिए हैं। इससे पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई है। अब तक कई इंस्पेक्टर व दारोगा निलंबित भी किए जा चुके हैं।

दरअसल, मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत होते ही महिला संबंधी अपराध की विवेचना गंभीरता के साथ ही निष्पक्ष तरीके से करने पर जोर दिया गया है। साथ ही महिलाओं की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाना है। मगर विभिन्न थानों में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों की चूक व लापरवाही के चलते विभाग की कार्यशैली को लेकर लोग सवाल उठाने लगते हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारी महिला संबंधी अपराध पर ज्यादा गंभीर हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि शिकायत पर तत्काल रिपोर्ट दर्ज न करने, आवश्यक कार्रवाई न करने और विवेचना में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कुछ दिन पहले मेजा सर्किल में तैनात रहे दो सीओ, थाने के दो दारोगा को निलंबित किए गए थे। शनिवार रात भी दुष्कर्म की रिपोर्ट तीन माह तक न लिखने के मामले में इंस्पेक्टर फूलपुर बृजेश सिंह व दारोगा प्रमोद कुमार को सस्पेंड किया गया। नगर निगम चौकी इंचार्ज को मुकदमे से धारा हटाने पर निलंबित किया गया तो धूमनगंज के दारोगा ऋतुराज व मो. खालिद को लाइन हाजिर किया गया था। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि शिकायतों के निस्तारण व मुकदमों की विवेचना में लापरवाही पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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