डेंगू से जिले में अब तक 50 से ज्यादा हुई मौत

इस साल सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज 600 से अधिक मिले। वहीं स्वास्थ्य विभाग की कागजी खानापूर्ति से स्थिति बिगड़ गई है। मरीजों के तीमारदार भी परेशान हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 08 Nov 2018 03:52 PM (IST) Updated:Thu, 08 Nov 2018 03:52 PM (IST)
डेंगू से जिले में अब तक 50 से ज्यादा हुई मौत
डेंगू से जिले में अब तक 50 से ज्यादा हुई मौत

प्रयागराज : डेंगू से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा। दीपावली से पहले मंगलवार की रात मुट्ठीगंज चौराहा निवासी राधेश्याम के बेटे मोहित (08) की भी बीमारी से मौत हो गई। वह एक सप्ताह से डेंगू से पीडि़त था। सिविल लाइंस स्थित निजी चिकित्सालय में उसका इलाज चल रहा था।

  इसी क्रम मेंं सोमवार को फाफामऊ निवासी हरेंद्र ठाकुर (18), करेली निवासी अनुज पाठक (11) की मौत डेंगू से हो चुकी है। जबकि रविवार को लालगोपालगंज निवासी मोहन (23) व पूरामुफ्ती निवासी पवन शर्मा (36) का सिविल लाइंस स्थिति निजी चिकित्सालय में जान चली गई थी। जिले में इस साल डेंगू से मौत का आंकड़ा 50 पार हो चुका है जबकि पीडि़तों की संख्या छह सौ से अधिक है।

फागिंग, एंटीलार्वा छिड़काव में खानापूर्ति :

बारिश खत्म होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने फागिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव ठीक से नहीं कराया। इससे डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। स्थिति यह है कि बाढ़ पीडि़त क्षेत्र अशोकनगर, सलोरी, दारागंज, तेलियरगंज, अल्लापुर, फाफामऊ, नैनी व झूंसी  जैसे मुहल्लों में न फागिंग हुई न एंटीलार्वा का उचित छिड़काव हुआ। इन्हीं क्षेत्रों से डेंगू पीडि़तों की संख्या अधिक रही।

कई बार निजी चिकित्सालय हमें डेंगू पीडि़तों का ब्योरा नहीं देते जिससे पीडि़तों के क्षेत्रों में फागिंग व एंटीलार्वा का का छिड़काव नहीं हो पाता। वैसे मैं पता कराकर मृतकों के क्षेत्र में फागिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराऊंगा। यह प्रक्रिया लंबे समय से चल भी रही है।

-गिरिजाशंकर वाजपेयी, सीएमओ

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