नई तकनीक से सड़क निर्माण करें जिससे हादसे कम हों : संयुक्त सचिव Prayagraj News
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने वेस्ट प्लास्टिक से सड़कों को बनाने पर जोर दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोहित कुमार ने सर्किट हाउस में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन और सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ और भारी वर्षा से प्रभावित सड़कों को आपदा राहत कोष से तत्काल मरम्मत करवाएं। पीएमजीएसवाइ की 15 प्रतिशत सड़कें वेस्ट प्लास्टिक से बनाई जाएं। नई तकनीक से सड़क निर्माण करें जिससे हादसे कम हों।
कहा, जियो टैगिंग से दर्ज परिसम्पत्तियों के अंकों पर ही सड़क निर्माण हो
बैठक में उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाइ-3 का कार्य नवंबर से प्रारंभ हो जाएगा। जियो टैगिंग से दर्ज परिसम्पत्तियों को मिलने वाले अंकों के आधार पर ही सड़कों को निर्माण के लिए चुना जाएगा। जियो टैगिंग के बाद सभी सड़कों का रिकार्ड ऑन लॉइन होगा। पीएमजीएसवाई-3 में मेंटीनेंस कार्य के लिए राज्य सरकार से एमओयू होगा। इन सड़कों के किनारे पौधारोपण अनिवार्य होगा। कहा कि सरकार का विशेष ध्यान है कि ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सड़के बनें, जिससे ग्रामीण चिकित्सा, शिक्षा व अन्य सुविधाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में छात्रों, किसानों और मरीजों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
नवंबर 2019 के पहले हर हाल में पूर्ण कराने को कहा
श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन क्लस्टरों का डीपीआर अब तक नहीं तैयार हुआ है, उसे नवंबर 2019 के पहले हर हाल में पूर्ण करा लें। प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाने का निर्देश दिया। बैठक में मनरेगा के आयुक्त योगेश कुमार, ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार, सीडीओ अरविंद कुमार सिंह, मुख्य अभियंता यूपीआरआरडीए सुधांशु कुमार आदि मौजूद रहे।