Group C 2015 Bharti: रक्षा मंत्रालय की सीधी भर्ती पर लगी रोक खत्म, HC ने कहा- सभी को जीविका पाने का अधिकार

Group C 2015 Bharti इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य एक माडल नियोजक है। संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) में सभी नागरिकों को जीविका पाने का अधिकार है। नियमानुसार विहित चयन प्रक्रिया से ही पदों पर नियुक्ति की जा सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 09 Dec 2022 08:34 PM (IST) Updated:Fri, 09 Dec 2022 08:34 PM (IST)
Group C 2015 Bharti: रक्षा मंत्रालय की सीधी भर्ती पर लगी रोक खत्म, HC ने कहा- सभी को जीविका पाने का अधिकार
सभी को जीविका पाने का अधिकार है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता: केंद्र सरकार द्वारा सात साल पूर्व निकाली गई ग्रुप सी की सीधी भर्ती पर लगी रोक के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी व न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने कहा है कि इस भर्ती में सीधी प्रक्रिया के नियमानुसार ही पद भरे जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल प्रमाण पत्र हासिल करने से किसी को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं मिल जाता, सभी को जीविका पाने का अधिकार है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य एक माडल नियोजक है। संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) में सभी नागरिकों को जीविका पाने का अधिकार है। नियमानुसार विहित चयन प्रक्रिया से ही पदों पर नियुक्ति की जा सकती है। प्रशिक्षित एनसीवीटी प्रमाणपत्र धारकों को स्वत: नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं है। 

यहां जानिए क्या था मामला?

दरअसल, साल 2015 के अप्रैल महीने में कानपुर स्थित रक्षा मंत्रालय की इंडियन आर्डिनेंस फैक्ट्री, आर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री में भर्ती के लिए ग्रुप सी पदों की सीधी भर्ती निकाली गई थी। सीधी भर्ती में टेलर, फिटर, कारपेंटर, फिटर इलेक्ट्रानिक, वस्त्र परीक्षक के स्किल्ड लेबर के पद भरे जा रहे थे।

अप्रेंटिस धारकों ने दी थी चुनौती

भर्ती पर आपत्ति जताते हुए विभिन्न ट्रेड में अप्रेंटिस धारकों ने चुनौती दी कि वे एनसीवीटी प्रमाणपत्र धारक हैं। प्रशिक्षण प्राप्त है, उन्हें सेमी स्किल्ड वर्क मैन पद पर नियुक्ति पाने का अधिकार है। सरकार उनके पदों को सीधी भर्ती से भरने जा रही है। कहा कि याचीगण एनसीवीटी से प्रमाणपत्र धारक हैं, प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। सेमी स्किल्ड वर्क मैन पद के लिए संभावित अभ्यर्थी है, उन्हें नियुक्ति दी जाय। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की मांग की।

चुनौती पर रद्द किया गया विज्ञापन

अप्रेंटिस धारकों की चुनौती पर न्यायाधिकरण ने छह अक्टूबर 2016 को याचिका मंजूर करते हुए विज्ञापन रद्द कर दिया और याची विपक्षियों को वरिष्ठता के साथ नियुक्ति का निर्देश दिया। लेकिन विज्ञापन रद्द करने के इस आदेश को केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दे दी। 

केन्द्र सरकार ने हाई कोर्ट में तर्क दिया कि अप्रेंटिस प्रमाण पत्र के आधार पर सीधे नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं मिल जाता। धारकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना होगा। भर्ती विज्ञापन निरस्त कर न्यायाधिकरण ने वैधानिक गलती की है।

हाईकोर्ट ने भर्ती करने के दिए निर्देश

न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी व न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय के सचिव के मार्फत भारत संघ की दाखिल याचिका को स्वीकार कर विज्ञापन रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया से नियमानुसार पद भरे जाएंगे। सीधी भर्ती में ट्रेड टेस्ट बाध्यकारी है।

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