भैंस बेचकर बहुओं को दिया शौचालय का तोहफा, इस रोचकता को जानें

अपनी बहुओं को एक ससुर ने अनूठा उपहार दिया। स्‍वच्‍छ भारत अभियान से प्रेरित होकर भैंस बेचकर शौचालय बनवा दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 11:41 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 11:41 AM (IST)
भैंस बेचकर बहुओं को दिया शौचालय का तोहफा, इस रोचकता को जानें
भैंस बेचकर बहुओं को दिया शौचालय का तोहफा, इस रोचकता को जानें

प्रयागराज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान की अलख गांवों में भी जल रही है। इसकी इससे बड़ी बानगी और क्या हो सकती है कि घर में शौचालय बनवाने के लिए सरकारी मदद का इंतजार करने के बजाय कोई अपनी भैंस बेच दे। प्रतापगढ़ जनपद में पïट्टी तहसील क्षेत्र के आसपुर देवसरा ब्लाक के तेलियानी गांव के किसान विजय बहादुर यादव ने यही किया। उन्होंने परिवार की मान-मर्यादा के लिए शौचालय निर्माण करा समाज में बड़ी नजीर पेश की है। 

ऐसे आया मन में शौचालय बनाने का विचार

विजय बहादुर के मन में शौचालय बनवाने का विचार उस समय आया, जब एक साल पहले स्वच्छ भारत अभियान टीम के लोग उनके गांव पहुंचे। लोगों को साफ-सफाई से फायदे और शौचालय न होने के कारण छोटी बड़ी बीमारियों की जानकारी देनी शुरू की। बीमारियों के इलाज में होने वाले फालतू खर्च की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। इसी के साथ शौचालय न होने पर बढ़ते यौन शोषण अपराध की ओर भी ध्यान दिलाया। ये बातें विजय बहादुर के मन को छू गईं। उन्होंने निर्णय ले लिया कि वह हर हाल में बहुओं और बेटियों को अब शौच के लिए बाहर नहीं जाने देंगे।

पत्नी ने दिया पति का साथ

अपनी बीमार पत्नी से बात की और विजय बहादुर ने उस कठिन समय में भी अपने पति का मनोबल बढ़ाया। निर्णय लिया कि घर के आय का साधन बनी दुधारु भैंस को बेचकर शौचालय बनाएंगे। अपनी कीमती भैंस बेच दी और तीन बहुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शौचालय निर्माण का फैसला किया। फैसले पर अमल करते हुए भैंस बेचने से मिले पैसे से तीन शौचालयों का निर्माण कराया।

करवाचौथ पर पत्नी को दी अनूठी भेंट

करवाचौथ व्रत के ठीक पहले उन्होंने इन शौचालयों की चाबी अपनी पत्नी को भेंटस्वरूप दे दी। उन्होंने अपनी तीन बहुओं को बुलाया और उनके हाथ में चाबी पकड़ा दी। अपने सास-ससुर का ऐसा प्यार पाकर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। घर में खुशहाली छा गई कि अब शाम के अंधेरे का इंतजार उनकी बहुओं को नहीं करना पड़ता। मानों उनके जीवन में नया सबेरा आ गया हो।

इलेक्ट्रानिक दुकान से घर का चलाते हैं खर्च

आसपुर देवसरा के अमरगढ़ बाजार में इलेक्ट्रॉनिक दुकान से घर का खर्च चलाने वाले विजय बहादुर यादव किसानी करते हैं। इनकी पत्नी मालती देवी की तबीयत पिछले पांच वर्ष से खराब चल रही है। इनके पुत्रों में सबसे बड़े राजेश, मझले राकेश व सबसे छोटे सुनील हैं। इनकी बहुएं क्रमश: आशा, सावित्री व सुमन हैं। सभी के दो-दो बच्चे हैं।

अपने स्वास्थ्य व सुरक्षा का खुद रखना होगा ध्यान

विजय बहादुर दैनिक जागरण टीम से कहते हैं कि हमें अपनी स्वास्थ्य व सुरक्षा का ध्यान खुद रखना होगा, सरकार तो सिर्फ हमें जागरूक करने का काम कर सकती है। किसान विजय की इस पहल से गांव वालों पर बहुत प्रभाव पड़ा। देखते-देखते गांव के कई लोगों ने अपने घरों में शौचालय बनवा लिया।

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